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गर्भवती को इलाज दिए बिना डॉक्टरों ने लौटाया, डीएम कर दिया यह काम…

इस मामले की शिकायत रात में ही सीधे मुख्यमंत्री के कार्यालय में की गई। मुख्यमंत्री सचिवालय से जारी निर्देश के क्रम में सोमवार को सुबह दस बजे डीएम संजय कुमार सिंह अमले के साथ जिला महिला अस्पताल जा पहुंचे।

पीलीभीत। राजकीय मेडिकल कालेज के अधीन संचालित हो रहे जिला महिला अस्पताल में स्टाफ की मनमानी चल रही है। रात में एक गर्भवती महिला को स्वजन बेहोशी की हालत में लेकर पहुंचे तो वहां न तो स्ट्रेचर उपलब्ध कराया गया और न ही किसी चिकित्सक ने गर्भवती को देखने की जहमत उठाई।

सीधे कह दिया कि कहीं और ले जाएं, यहां इलाज नहीं मिल पाएगा। रात में ही पूरा मामला शासन तक पहुंचा। इसके बाद सुबह डीएम जिला महिला अस्पताल जा पहुंचे। उन्होंने निरीक्षण करने के साथ ही रात में तैनात स्टाफ से पूछताछ की। न्यूरिया थाना क्षेत्र के गांव अलीगंज निवासी गर्भवती महिला पूनम की अचानक तबियत बिगड़ गई। इस पर स्वजन रविवार की रात ई-रिक्शा पर उसे लेकर जिला महिला अस्पताल पहुंचे।

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स्वजन ने ड्यूटी पर उपस्थित स्टाफ को बताया कि पूनम सात माह की गर्भवती है।अचानक उसकी तबियत बिगड़ गई है। वह बेहोशी की हालत में है। इतना बताने के बाद भी स्टाफ ने स्ट्रेचर उपलब्ध कराना तो दूर महिला को देखने की भी जहमत नहीं उठाई। सीधे कह दिया कि यहां इलाज नहीं मिल पाएगा, किसी अन्य अस्पताल में ले जाएं। इसके बाद गेट पर तैनात कर्मचारी ने माधोटांडा रोड पर स्थित निजी अस्पताल ले जाने की सलाह दी।

इस मामले की शिकायत रात में ही सीधे मुख्यमंत्री के कार्यालय में की गई। मुख्यमंत्री सचिवालय से जारी निर्देश के क्रम में सोमवार को सुबह दस बजे डीएम संजय कुमार सिंह अमले के साथ जिला महिला अस्पताल जा पहुंचे। उन्होंने रात में ड्यूटी पर तैनात स्टाफ से पूछताछ की। कड़ी नाराजगी जताते हुए डीएम ने कहा कि यह अस्पताल मरीजों को रेफर करने के लिए नहीं बना है। मरीजों को समुचित उपचार दिया जाना सुनिश्चित किया जाए। कम से कम मरीज रेफर होने चाहिए।

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डीएम ने मौके पर उपस्थित सीएओ डा. आलोक कुमार को निर्देश दिए कि जवाबदेही तय करके रिपोर्ट दें। साथ ही निर्देश दिए कि पीड़ित गर्भवती को तलाश करके उसे बेहतर ढंग से इलाज उपलब्ध कराया जाए। इसके बाद पीड़ित महिला की खोजबीन हुई। गांव में पता चला कि आधी रात में फिर उसकी तबियत बिगड़ गई थी। तब स्वजन ने उसे शहर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। निजी अस्पताल में भर्ती महिला के स्वास्थ्य पर निगरानी रखी जा रही है।

डीएम ने निर्देश दिए कि सुबह के समय एडीएम और रात में सिटी मजिस्ट्रेट नियमित रूप से जिला महिला एवं पुरुष अस्पतालों का निरीक्षण करेंगे। डीएम के जाने के बाद एडीएम (वित्त एवं राजस्व) ऋतु पूनिया ने जिला महिला अस्पताल का निरीक्षण किया। निरीक्षण में दवाइयों का स्टाक कम पाया गया। साथ ही बंद पाए गए।

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