
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने युवाओं को भारतीय सेना में “अग्निवीर” के रूप में भर्ती होने के लिए निशुल्क प्रशिक्षण देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर खेल विभाग ने इसके लिए मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार कर ली है। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य प्रदेश के युवाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से भर्ती प्रक्रिया के लिए तैयार करना है, ताकि वे सेना में सफलतापूर्वक अपना करियर बना सकें।
प्रदेश के हर जिले में होगा प्रशिक्षण
खेल विभाग की योजना के अनुसार यह प्रशिक्षण राज्य के सभी जिलों में आयोजित किया जाएगा। इसके लिए जिलास्तर पर खेल कार्यालय और युवा कल्याण कार्यालयों में पंजीकरण प्रक्रिया शुरू की जाएगी। विभाग ने प्रशिक्षण के लिए युवाओं की शैक्षिक योग्यता, आयु, स्वास्थ्य और अनुशासन से जुड़े मानक भी निर्धारित किए हैं।
प्रशिक्षण के लिए योग्यता और शर्तें
- उम्मीदवार का उत्तराखंड राज्य का मूल निवासी या स्थायी निवासी होना अनिवार्य है।
- हाईस्कूल में कम से कम 45 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी ही आवेदन कर सकेंगे।
- प्रत्येक विषय में न्यूनतम 33 प्रतिशत अंक आवश्यक हैं।
- अभ्यर्थी की आयु 16 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- जो युवा उत्तराखंड के किसी संस्थान में अध्ययनरत या कार्यरत हैं, वे भी आवेदन कर सकते हैं।
- पंजीकरण के लिए जिला खेल कार्यालय या जिला युवा कल्याण अधिकारी के कार्यालय में आवेदन करना होगा।
स्वास्थ्य और अनुशासन के सख्त नियम
एसओपी में कहा गया है कि प्रशिक्षण के लिए अभ्यर्थियों को स्वास्थ्य संबंधी प्रमाण पत्र जमा करना होगा। प्रशिक्षण सत्र में उम्मीदवारों को खेल की टी-शर्ट, नेकर, स्पोर्ट्स शूज और मौजे पहनकर आना होगा।
इसके अलावा शरीर पर कोई स्थायी टैटू या अप्राकृतिक निशान नहीं होना चाहिए। विभाग का मानना है कि अनुशासन और सादगी सैनिक जीवन के आवश्यक अंग हैं, इसलिए यह नियम लागू किए गए हैं।
उत्तराखंड की सैन्य परंपरा से जुड़ी पहल
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड की सैन्य परंपरा बहुत गौरवशाली रही है। यहां के लगभग हर परिवार का कोई न कोई सदस्य सेना में सेवा दे चुका है। इसलिए प्रदेश सरकार चाहती है कि युवा पीढ़ी भी इस परंपरा को आगे बढ़ाए। उन्होंने कहा, “अग्निवीर योजना युवाओं के लिए देशसेवा का एक बड़ा अवसर है। राज्य सरकार उन्हें भर्ती से पहले पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरने में मदद करेगी।”
सेवाकाल के बाद रोजगार में आरक्षण
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि अग्निवीरों के सेवाकाल समाप्त होने के बाद राज्य सरकार उन्हें सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रदान करेगी। इस निर्णय का उद्देश्य युवाओं को स्थायी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना और उनकी सेवा भावना को प्रोत्साहित करना है।






