
देहरादून। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए सरकार ने डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश में चिकित्सकों की भारी कमी को देखते हुए 287 नए पदों पर भर्ती की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। इसके लिए प्रस्ताव उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता प्रदेश के प्रत्येक अस्पताल में आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इसके साथ ही डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के खाली पदों को भरकर स्वास्थ्य व्यवस्था को और मजबूत बनाया जा रहा है।
डॉ. रावत ने बताया कि प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के तहत होने वाली इस भर्ती के लिए न्यूनतम आयु सीमा 21 वर्ष और अधिकतम 42 वर्ष निर्धारित की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिस वर्ष भर्ती विज्ञापन जारी होगा, उस वर्ष की एक जुलाई को अभ्यर्थी की आयु इसी मानक के भीतर होनी चाहिए। भर्ती प्रक्रिया सीधी चयन प्रणाली के तहत की जाएगी। चयन बोर्ड को भेजे गए प्रस्ताव में सभी नियम और पात्रता मानकों को स्पष्ट किया गया है ताकि प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।
पहले भी की गई थी 220 डॉक्टरों की नियुक्ति
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने पिछले दो महीनों में भी चिकित्साधिकारी (बैकलॉग) के 220 पदों पर नियुक्ति की थी। चयन बोर्ड की अनुशंसा के बाद चयनित डॉक्टरों को प्रदेश के दूरस्थ और पर्वतीय क्षेत्रों में पदस्थापित किया गया है। इन नियुक्तियों से सीमांत इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अब नियमित चिकित्सकीय सेवाएं देने लगे हैं, जिससे ग्रामीण और गरीब वर्ग को राहत मिली है।
डॉ. रावत ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि राज्य के किसी भी अस्पताल में डॉक्टरों की कमी न रहे। स्वास्थ्य विभाग लगातार रिक्त पदों की समीक्षा कर रहा है। जहां भी आवश्यक हुआ, वहां नई भर्तियां प्राथमिकता के आधार पर की जाएंगी। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी सुधार कर रही है। अस्पतालों को आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित किया जा रहा है और डॉक्टरों की तैनाती से जनता को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं।”
भविष्य की तैयारियां और कुंभ 2025 पर नजर
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि आगामी हरिद्वार कुंभ मेला 2025 को देखते हुए भी सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी अस्थायी और स्थायी चिकित्सा इकाइयों में पर्याप्त चिकित्सक, दवाएं और उपकरण उपलब्ध रहें। उन्होंने यह भी कहा कि “कुंभ जैसे बड़े आयोजनों में केवल सजगता ही काम आएगी, लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”






