
देहरादून। उत्तराखंड राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर तीन और चार नवंबर को आयोजित होने वाला विधानसभा का विशेष सत्र ऐतिहासिक और भावनात्मक दोनों ही दृष्टि से बेहद खास होने जा रहा है। राज्य के गठन से लेकर अब तक की उपलब्धियों, चुनौतियों और भविष्य की दिशा पर यह सत्र गहन मंथन का अवसर बनेगा। विधानसभा सचिवालय ने सत्र की सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं, वहीं सदन को रजत जयंती पर्व के अनुरूप विशेष रूप से सजाया जा रहा है।
उत्तराखंड की इस ऐतिहासिक यात्रा के 25 वर्ष पूरे होने पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का विशेष संबोधन सत्र का प्रमुख आकर्षण होगा। माना जा रहा है कि राष्ट्रपति अपने संबोधन में उत्तराखंड की उपलब्धियों, प्राकृतिक संपदाओं, महिला सशक्तिकरण की दिशा में राज्य के प्रयासों और ‘विकसित राज्य’ बनने की संभावनाओं पर अपने विचार रखेंगी। यह पहली बार होगा जब राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति का सीधा संबोधन विधानसभा के विशेष सत्र में होगा।
इस विशेष सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सभी विधायकों को उत्तराखंड के विकास, नीतिगत निर्णयों और भविष्य के रोडमैप पर अपनी बात रखने का पूरा अवसर मिलेगा। सदन में पिछले 25 वर्षों की उपलब्धियों का आकलन किया जाएगा—चाहे वह शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, ऊर्जा, पर्यटन या उद्योग क्षेत्र से जुड़ी हो। साथ ही, राज्य के सामने खड़ी चुनौतियों जैसे पलायन, बेरोजगारी और पर्यावरणीय असंतुलन पर भी गंभीर विमर्श होने की उम्मीद है। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने बताया कि सत्र की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। “यह सत्र केवल उत्सव नहीं होगा, बल्कि उत्तराखंड के भविष्य की दिशा तय करने वाला विचार मंच साबित होगा। सभी विधायकों से सुझाव लिए जाएंगे ताकि राज्य को देश के अग्रणी और आदर्श राज्यों में शामिल किया जा सके।”
विधानसभा सचिवालय की ओर से रजत जयंती सत्र के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं। सदन के भीतर ऐतिहासिक तस्वीरें, राज्य के विकास की झलकियां और प्रमुख योजनाओं की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। डिजिटल स्क्रीन के माध्यम से 25 वर्षों की उपलब्धियों का प्रस्तुतिकरण भी किया जाएगा। भवन को रोशनी और पुष्प सज्जा से आकर्षक रूप दिया जाएगा, जबकि सदन परिसर में ‘उत्तराखंड गौरव गैलरी’ नाम से एक स्थायी प्रदर्शनी स्थापित करने की योजना भी विचाराधीन है।
सत्र के दौरान एक विशेष विमर्श ‘उत्तराखंड @25 से उत्तराखंड @50’ विषय पर आयोजित किया जाएगा, जिसमें राज्य के अगले 25 वर्षों की विकास यात्रा के लिए सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे। नीति आयोग, वित्त विभाग और योजना आयोग के वरिष्ठ अधिकारी राज्य की आर्थिक और सामाजिक प्राथमिकताओं पर प्रस्तुति देंगे। राष्ट्रपति मुर्मू के संभावित आगमन को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने भी तैयारी तेज कर दी है। विधानसभा परिसर और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद किया जा रहा है। साथ ही प्रोटोकॉल के अनुसार विशिष्ट अतिथियों के बैठने की विशेष व्यवस्था की जा रही है।
रजत जयंती सत्र न केवल एक प्रशासनिक आयोजन होगा, बल्कि यह राज्य की जनता के सपनों, संघर्षों और सफलताओं का प्रतीक भी बनेगा। राज्य निर्माण आंदोलन के शहीदों को नमन करते हुए सदन में विशेष प्रस्ताव पारित किया जाएगा। कई विधायकों ने सुझाव दिया है कि इस अवसर पर राज्य आंदोलन से जुड़े लोगों को भी सम्मानित किया जाए। देहरादून, नैनीताल, पिथौरागढ़, टिहरी और पौड़ी जैसे जिलों में इस विशेष सत्र को लेकर लोगों में भी उत्साह है। स्थानीय शिक्षण संस्थानों, सामाजिक संगठनों और सांस्कृतिक मंचों ने राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ पर कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की है।
एक नजर में – विशेष सत्र की रूपरेखा:
- 📅 तिथि: 3 और 4 नवंबर 2025
- 🏛️ स्थान: उत्तराखंड विधानसभा, देहरादून
- 🎙️ विशेष संबोधन: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
- 🗣️ विषय: “उत्तराखंड @25 से उत्तराखंड @50 – विकास की नई उड़ान”
- 🧾 मुख्य फोकस: राज्य की उपलब्धियां, चुनौतियां और भविष्य की दिशा
- 🔒 सुरक्षा: बहु-स्तरीय प्रोटोकॉल लागू
रजत जयंती विशेष सत्र केवल एक सरकारी औपचारिकता नहीं, बल्कि यह अवसर होगा आत्ममंथन और भविष्य की नई दृष्टि के साथ आगे बढ़ने का। उत्तराखंड अब उस मोड़ पर खड़ा है जहां उसे आने वाले 25 वर्षों के लिए नीतिगत स्पष्टता, सामाजिक संतुलन और सतत विकास का नया खाका तैयार करना है — और यह सत्र उसी दिशा में पहला मजबूत कदम साबित हो सकता है।