उत्तराखण्ड समाचार

सचिव समिति की बैठक में मुख्य सचिव ने दिए कई महत्त्वपूर्ण निर्देश

देहरादून | राज्य सचिवालय में बुधवार को मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिव समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में राज्य हित और जनकल्याण से जुड़ी विभिन्न योजनाओं की समीक्षा के साथ-साथ सरकारी कर्मचारियों की प्रशासनिक और तकनीकी समस्याओं पर विस्तृत चर्चा की गई। इस दौरान ई-गवर्नेंस को मजबूती देने और कार्यप्रणाली को आधुनिक बनाने के उद्देश्य से कई निर्देश जारी किए गए।

ई-डीपीआर मॉड्यूल को बनाया जाए अनिवार्य

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि सभी विभाग अपने कार्यों के लिए डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) ई-डीपीआर मॉड्यूल के माध्यम से तैयार करें। उन्होंने कहा कि डीपीआर की संपूर्ण प्रक्रिया — प्रारूप से लेकर अनुमोदन तक — अब ई-डीपीआर के माध्यम से ही संचालित की जाए। साथ ही, इसकी मॉनिटरिंग भी 100 प्रतिशत ऑनलाइन होनी चाहिए, जिससे पारदर्शिता और कार्य की गति सुनिश्चित हो सके।

सर्विस बुक और जीपीएफ डेटा हो पूर्णतः डिजिटल

बैठक में मुख्य सचिव ने यूकेपीएफएमएस प्रणाली के माध्यम से सभी सरकारी कर्मचारियों की सर्विस बुक डेटा को अद्यतन किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने आईएफएमएस (IFMS) के डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण करने और इसकी तकनीकी प्रणाली को मजबूत करने पर बल दिया। साथ ही, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों और वाहन चालकों के जीपीएफ डेटा को भी नियमित रूप से अपडेट करने के निर्देश दिए।

100 प्रतिशत ई-ऑफिस और बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य

मुख्य सचिव ने सभी सचिवों को उनके विभागों में ई-ऑफिस प्रणाली को पूर्ण रूप से लागू करने के निर्देश दोहराए। उन्होंने कहा कि जिला स्तर के कार्यालयों में भी ई-ऑफिस प्रणाली को शीघ्र लागू किया जाए। इसके साथ ही, समस्त विभागों में बायोमेट्रिक उपस्थिति को 100 प्रतिशत अनिवार्य रूप से लागू करने को कहा गया।

जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग केवल शुक्रवार को

मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि विभिन्न विभागों द्वारा जिलाधिकारियों को अलग-अलग दिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए बुलाया जाना उनके समय का दुरुपयोग है। इस पर रोक लगाने के लिए अब सभी विभागों को निर्देशित किया गया है कि वे अपनी बैठकें केवल शुक्रवार सायंकाल को ही आयोजित करें, ताकि डीएम अन्य कार्यों में ध्यान केंद्रित कर सकें। विशेष परिस्थितियों को छोड़कर सभी बैठकें इस तय समय पर ही होंगी।

आईएएस अधिकारी गोद लें अपने प्रथम कार्यस्थल

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि राज्य के आईएएस अधिकारी अपने प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय नियुक्ति स्थलों — जैसे विकासखंड, तहसील या जिला मुख्यालय — को शीघ्र गोद लें। इसका उद्देश्य इन क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और निगरानी को बेहतर बनाना है। साथ ही, उन्हें फ्लैगशिप योजनाओं की नियमित समीक्षा करने को भी कहा गया।

वरिष्ठ अधिकारी रहे उपस्थित

इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगौली, नितेश कुमार झा, राधिका झा, सचिन कुर्वे, दिलीप जावलकर, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, चंद्रेश कुमार यादव, डॉ. नीरज खैरवाल, विनय शंकर पाण्डेय, दीपेन्द्र कुमार चौधरी, डॉ. सुरेन्द्र नारायण पाण्डेय, विनोद कुमार सुमन, रणवीर सिंह चौहान, धीराज सिंह गर्ब्याल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। यह बैठक राज्य शासन के सुशासन एवं डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित हो सकती है।


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