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  • सरकारी विद्यालयों में बच्चे और शिक्षक समेत 95 की तबीयत बिगड़ी

    सरकारी विद्यालयों में बच्चे और शिक्षक समेत 95 की तबीयत बिगड़ी

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    सरकारी विद्यालयों में बच्चे और शिक्षक समेत 95 की तबीयत बिगड़ी… मिर्जापुर पंचायत स्थित प्रोन्नत मध्य विद्यालय में खाना बनाने के दौरान रसोइया बेहोश होकर जमीन पर गिर गई। गोपालगंज उचकागांव प्रखंड क्षेत्र के तीन अलग-अलग विद्यालयों के 11 छात्र बुधवार के दिन अचानक विद्यालय में अचेत होकर जमीन पर गिर पड़े।

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    बिहार। बिहार के बेगूसराय, मुंगेर, शेखपुरा, जमुई, लखीसराय, गोपालगंज और बांका सरकारी स्कूलों में भीषण गर्मी के कारण छात्र, छात्राएं, शिक्षक, प्रधानाध्यापिका और रसोइया समेत 95 लोग बेहोश हो गए। इन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। सबसे अधिक बेगूसराय में 41 और जमुई में बच्चे और शिक्षक बीमार पड़ें हैं। घटना के बाद परिजनों में आक्रोश है। अभिभावकों का कहना है कि भीषण गर्मी में भी बच्चों को छुट्टी नहीं दी गई है।

    शिकायत करने पर कहा जाता है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने स्कूल को बंद करने का आदेश नहीं दिया है। अभिभावकों का कहना है कि 42 से 45 डिग्री तापमान के कारण बच्चे स्कूल में ही बीमार पड़ रहे हैं। बेगूसराय में बढ़ते गर्मी के बीच अलग-अलग स्कूलों में पढ़ रहे 41 से अधिक बच्चे बेहोश हो गए। बेहोशी के हालात में छात्र और छात्राओं को उसे जगह से उठाकर इलाज के लिए पीएचसी में भर्ती कराया गया। जहां सभी का इलाज चल रहा है।

    शेखपुरा के एक स्कूल में लू के कारण कई छात्र बेहोश हो गए। सभी छात्रों के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। बताया जा रहा है कि मनकौल गांव के हाई स्कूल में एक के बाद एक 13 से अधिक बच्चे बेहोश होने लगे। आननफानन में उन्हें शिक्षकों ने स्थानीय लोगों की मदद से अस्पताल में भर्ती करवाया। वहीं मुंगेर के धरहरा प्रखंड के तीन स्कूलों पांच छात्र बेहोश हो गए।

    इतना ही नहीं उच्च विद्यालय हेमराजपुर में परीक्षा के दौरान एक शिक्षक भी बेहोश हो गए। बांका जिले के शंभूगंज के मिर्जापुर पंचायत स्थित प्रोन्नत मध्य विद्यालय में खाना बनाने के दौरान रसोइया बेहोश होकर जमीन पर गिर गई। गोपालगंज उचकागांव प्रखंड क्षेत्र के तीन अलग-अलग विद्यालयों के 11 छात्र बुधवार के दिन अचानक विद्यालय में अचेत होकर जमीन पर गिर पड़े।

    जिन्हें शिक्षकों एवं छात्रों की मदद से किसी तरह से होश में लाने के बाद छात्रों के सहयोग से उन्हें घर भेज दिया गया। वहीं लखीसराय जिले के बड़हिया प्रखंड स्थित प्राथमिक विद्यालय कमरपुर में 4 छात्र व एक रसोईया बेहोश हुईं। मुजफ्फरपुर के सरैया प्रखंड क्षेत्र के बसंतपुर पट्टी स्कूल में तीन छात्रा गर्मी से बेहोश हो गईं। घटना के बाद परिजनों में आक्रोश है।

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    सरकारी विद्यालयों में बच्चे और शिक्षक समेत 95 की तबीयत बिगड़ी... मिर्जापुर पंचायत स्थित प्रोन्नत मध्य विद्यालय में खाना बनाने के दौरान रसोइया बेहोश होकर जमीन पर गिर गई। गोपालगंज उचकागांव प्रखंड क्षेत्र के तीन अलग-अलग विद्यालयों के 11 छात्र बुधवार के दिन अचानक विद्यालय में अचेत होकर जमीन पर गिर पड़े।

  • शिक्षकों के पहाड़ में तैनाती पर तबादलों की सीमा नहीं होगी लागू

    शिक्षकों के पहाड़ में तैनाती पर तबादलों की सीमा नहीं होगी लागू

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    शिक्षकों के पहाड़ में तैनाती पर तबादलों की सीमा नहीं होगी लागू, शासन ने इस साल तबादलों के लिए अधिकतम सीमा तय कर दी है। तय सीमा के मुताबिक हर विभाग में पात्र 15 फीसदी कर्मचारियों के तबादले किए जाएंगे। शासन की ओर से जारी आदेश के मुताबिक यदि किसी विभाग की पात्रता सूची में 15 प्रतिशत के तहत कोई कर्मचारी इस दायरे में नहीं आएगा तो उस संवर्ग में शत प्रतिशत अनिवार्य तबादले किए जाएंगे।

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    देहरादून। प्रदेश में इन दिनों शिक्षकों और कर्मचारियों के तबादलों की प्रक्रिया चल रही है। तबादलों के लिए इस बार सुगम से दुर्गम और दुर्गम से दुर्गम में अनुरोध के आधार पर तबादला पाने वाले शिक्षक और कर्मचारी तबादलों के लिए तय की गई अधिकतम सीमा 15 फीसदी के दायरे में नहीं आएंगे। तबादला एक्ट के तहत कर्मचारियों के सुगम और दुर्गम क्षेत्र में की गई सेवा के आधार पर तबादले किए जाते हैं, लेकिन शत प्रतिशत तबादलों के स्थान पर कभी 10 तो कभी 15 फीसदी शिक्षकों और कर्मचारियों के तबादलों की अधिकतम सीमा तय की जाती है।

    इस साल तबादलों की अधिकतम सीमा 15 फीसदी तय की गई है, लेकिन अनुरोध के आधार पर सुगम से दुर्गम क्षेत्र में तबादले, दुर्गम क्षेत्र से दुर्गम क्षेत्र में तबादले, विधवा, विधुर, परित्यक्ता एवं तलाकशुदा कर्मचारियों के अनुरोध के आधार पर तबादले 15 फीसदी के दायरे में नहीं आएंगे। वहीं, राज्य सरकार की सेवा में कार्यरत पति-पत्नी, सेवारत पति-पत्नी के इकलौते पुत्र या पुत्री के दिव्यांग होने और गंभीर बीमार शिक्षक एवं कर्मचारी भी अधिकतम तबादलों की सीमा के दायरे में नहीं आएंगे।

    शासन ने इस साल तबादलों के लिए अधिकतम सीमा तय कर दी है। तय सीमा के मुताबिक हर विभाग में पात्र 15 फीसदी कर्मचारियों के तबादले किए जाएंगे। शासन की ओर से जारी आदेश के मुताबिक यदि किसी विभाग की पात्रता सूची में 15 प्रतिशत के तहत कोई कर्मचारी इस दायरे में नहीं आएगा तो उस संवर्ग में शत प्रतिशत अनिवार्य तबादले किए जाएंगे। तबादला एक्ट के तहत तबादलों के लिए समय सारणी तय की गई है। इसके मुताबिक 15 मई सुगम और दुर्गम क्षेत्र में तबादलों के लिए विकल्प पत्र प्राप्त करने की अंतिम तिथि है।

    20 मई को प्राप्त विकल्पों को वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाएगा। 25 मई से 5 जून तक स्थानांतरण समिति की बैठक होगी और समिति सक्षम अधिकारी को तबादलों के लिए सिफारिश करेंगी। जबकि 10 जून तक सभी विभाग कर्मचारियों के तबादले का आदेश जारी कर देंगे। तबादला एक्ट के मुताबिक यह तबादला आदेश जारी करने की अंतिम तिथि है। हालांकि शिक्षा विभाग समेत कुछ विभागों की ओर से तबादलों के लिए और अधिक समय मांगा जा रहा है।


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    अनुरोध के आधार पर होने वाले इन शिक्षकों और कर्मचारियों के तबादले अधिकतम सीमा 15 फीसदी के दायरे में नहीं आएंगे, जिससे अधिक शिक्षकों के तबादले हो सकेंगे। शासन ने इसका आदेश जारी किया गया है।

    -बंशीधर तिवारी, शिक्षा महानिदेशक

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    शिक्षकों के पहाड़ में तैनाती पर तबादलों की सीमा नहीं होगी लागू, शासन ने इस साल तबादलों के लिए अधिकतम सीमा तय कर दी है। तय सीमा के मुताबिक हर विभाग में पात्र 15 फीसदी कर्मचारियों के तबादले किए जाएंगे। शासन की ओर से जारी आदेश के मुताबिक यदि किसी विभाग की पात्रता सूची में 15 प्रतिशत के तहत कोई कर्मचारी इस दायरे में नहीं आएगा तो उस संवर्ग में शत प्रतिशत अनिवार्य तबादले किए जाएंगे।

  • ओल्ड पेंशन स्कीम व समायोजित शिक्षक

    ओल्ड पेंशन स्कीम व समायोजित शिक्षक

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    ओल्ड पेंशन स्कीम व समायोजित शिक्षक, एक ओर सरकार सामाजिक सुरक्षा के नाम घर बैठे लोगों को सामाजिक सुरक्षा के नाम पर बिना कोई काम किये पेंशन दे रही है, वहीं दूसरी ओर बच्चों का भविष्य संवारने वाले शिक्षकों को पेंशन से वंचित कर रहीं हैं। #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर (राजस्थान)

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    सेवानिवृत हर सरकारी कर्मचारी पेंशन का हकदार हैं और उसे सरकारी नियमानुसार सेवानिवृति पर पेंशन दी जाती है। चूंकि पेंशन कर्मचारी की खुशहाली का जीवन बीमा हैं। उसके बुढापे की लाठी हैं। इतना ही नहीं सेवानिवृत कर्मचारी को आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा प्रदान करती है़ और कर्मचारी की मृत्यु पर आश्रित को पेंशन मिलती हैं।

    मगर राजस्थान में सरकार ने 80 प्रतिशत अनुदानित शिक्षण संस्था़ओं में कार्यरत शिक्षकों को 01 जुलाई 2011 से सरकारी स्कूलों में ( ग्रामीण स्कूलों में ) समायोजन के नाम पर लगाया और सेवाकाल के दौरान 9 – 18 – 27 का लाभ भी दिया और सर्विस बुक भी पहले वाली को लगातार जारी रखा, लेकिन सेवानिवृति के बाद उन शिक्षको को अन्य लाभों से वंचित कर दिया जिसमे पेंशन भी शामिल हैं।

    राजस्थान सरकार ने समायोजन के दौरान इन शिक्षकों से एक शपथ पत्र भरवा लिया कि वे ग्रामीण इलाकों में सरकारी नौकरी करते पुराने कोई लाभ की मांग नहीं करेगे। उक्त शर्त तर्कसंगत नहीं है। चूंकि सर्विस बुक को लगातार जारी रखा, 9-18 का लाभ भी दिया। स्कूल अनुदानित शिक्षण संस्थान थी फिर सेवाकाल के बीच में कर्मचारियों के विरूध्द यह कैसी शर्त।

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    एक ओर सरकार अपने आपकों लोक कल्याणकारी सरकार कहती है और समानता की बात करती है और साथ ही साथ कर्मचारियों को पेंशन से भी वंचित कर रही हैं। ये कर्मचारी 01 जुलाई 2011 से सरकारी कर्मचारी न होकर अपनी प्रथम नियुक्ति से शिक्षक है। इसलिए राजस्थान सरकार समायोजित शिक्षकों को पेंशन देंने के लिए गणना 1 जुलाई 2011 से न कर उनकी प्रथम नियुक्ति से गणना कर पेंशन का लाभ दें।



    चूकि इन कर्मचारियों ने अपने जीवन का अमूल्य समय करीबन 25 से 30 साल तो अनुदानित शिक्षण संस्थाओं में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। अब उन्हें पेंशन से वंचित रखना न्यायसंगत नहीं कहा जा सकता हैं। राज्य सरकार बार बार यह दौहरा रही हैं कि हमने ओल्ड पेंशन स्कीम ( ओ पी एस ) योजना शुरू कर दी है लेकिन समायोजित शिक्षकों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ देने के बारे में मौन धारण कर रखा हैं।



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    जिससे इस मंहगाई के दौर में उन्हें अपना व अपने परिवारजनों का जीवन व्यापन करना मुश्किल हो गया है। अतः सरकार तत्काल उन्हें उनकी प्रथम नियुक्ति तिथि से पेंशन दें व अनावश्यक रूप से जोडी गई शर्त वापस लें। जब ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की हैं तो फिर समायोजित शिक्षकों को इस लाभ से वंचित करना न्याय संगत नहीं कहा जा सकता है।



    एक ओर सरकार सामाजिक सुरक्षा के नाम घर बैठे लोगों को सामाजिक सुरक्षा के नाम पर बिना कोई काम किये पेंशन दे रही है, वहीं दूसरी ओर बच्चों का भविष्य संवारने वाले शिक्षकों को पेंशन से वंचित कर रहीं हैं। यह कैसी दौहरी मानसिकता।


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    ओल्ड पेंशन स्कीम व समायोजित शिक्षक, एक ओर सरकार सामाजिक सुरक्षा के नाम घर बैठे लोगों को सामाजिक सुरक्षा के नाम पर बिना कोई काम किये पेंशन दे रही है, वहीं दूसरी ओर बच्चों का भविष्य संवारने वाले शिक्षकों को पेंशन से वंचित कर रहीं हैं। #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर (राजस्थान)

  • विद्यार्थी के लिए आत्म साक्षात्कार अत्यंत आवश्यक है : मुख्यमंत्री

    विद्यार्थी के लिए आत्म साक्षात्कार अत्यंत आवश्यक है : मुख्यमंत्री

    विद्यार्थी के लिए आत्म साक्षात्कार अत्यंत आवश्यक है : मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से विद्यार्थियों के संपूर्ण विकास की दिशा में ध्यान दिया जा रहा है। पीपीएसए द्वारा शिक्षार्थियों के जीवन को उन्नति के प्रकाश से आलोकित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को…

    देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मसूरी रोड देहरादून स्थित पेस्टल वीड स्कूल में प्रिंसिपल्स प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित International Conference of Principals & Teachers कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने शिक्षकों को सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों की समाज के निर्माण में अहम भूमिका होती है। माता-पिता के बाद शिक्षकों पर बच्चों के भविष्य को बनाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है। शिक्षक युग दृष्टा ऋषियों के समान हैं, जो समाज को प्रबुद्ध बनाने के लिए निरंतर कार्य करते हैं।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को आत्मनिरीक्षण द्वारा स्वयं को जानने और समझने योग्य बनाना रहा है। विद्यार्थी के लिए आत्म साक्षात्कार अत्यंत आवश्यक है। तभी प्रतिभा का सदुपयोग हो सकता है। उन्होंने कहा कि पीपीएसए द्वारा शिक्षार्थियों की प्रतिभा को उभारने के लिए सराहनीय कार्य किए जा रहे हैं। पी.पी.एस.ए. प्रौद्योगिकी, कौशल और स्कूली पाठ्यक्रम पर खुली और रचनात्मक चर्चा द्वारा विचारों के आदान-प्रदान हेतु एक आदर्श वातावरण प्रदान कर रहा है।

    पीपीएसए द्वारा प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए पब्लिक स्कूलों और सरकारी स्कूलों के मध्य सहयोग बढ़ाने में भी सरकार को समय समय पर अपना सहयोग प्रदान किया गया है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। वैश्विक स्तर पर भारत का मान, सम्मान एवं स्वाभिमान बढ़ा है। भारत दुनिया को हर क्षेत्र में अपने सामर्थ्य का परिचय दे रहा है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत, विश्वगुरु के रूप में पुनः स्थापित हो रहा है तथा दुनिया का मार्गदर्शन कर रहा है। उनकी दूरगामी सोच से देश को 34 वर्षों बाद नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मिली है।

    राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से विद्यार्थियों के संपूर्ण विकास की दिशा में ध्यान दिया जा रहा है। पीपीएसए द्वारा शिक्षार्थियों के जीवन को उन्नति के प्रकाश से आलोकित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को नई शिक्षा नीति को सही प्रकार से लागू करने हेतु समय समय पर महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए जाते रहे हैं। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का राज्य में सही तरीके से क्रियान्वयन हो इस उद्देश्य से दो दिवसीय कांफ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है।

    इसमें विशेषज्ञों द्वारा प्रधानाचार्यों एवं अध्यापकों को नई शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन हेतु विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी जायेगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बना है। उत्तराखण्ड में बाल वाटिकाओं से राष्ट्रीय शिक्षा नीति का शुभारंभ किया गया। उच्च शिक्षा में भी राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की जा चुकी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप शैक्षिक गतिविधियों के लिए प्रदेश के सभी अध्यापकों को डायट के माध्यम से प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है।

    अभी तक 27 हजार से अधिक अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया चुका है। इस अवसर पर पीपीएसए के अध्यक्ष डॉ. प्रेम कश्यप, दून इंटरनेशनल स्कूल के चैयरमैन श्री डी.एस. मान, लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि) जयवीर सिंह नेगी, मेजर जनरल(से.नि) शम्मी सभरवाल, रीजनल ऑफिसर सीबीएसई डॉ. रणवीर सिंह, श्री राकेश ओबेराय एवं विभिन्न स्कूलों के प्रधानाचार्य एवं अध्यापक उपस्थित थे।

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  • कार्टून के माध्यम से निकाला पुरानी पेंशन बहाली का रास्ता

    कार्टून के माध्यम से निकाला पुरानी पेंशन बहाली का रास्ता

    कार्टून के माध्यम से निकाला पुरानी पेंशन बहाली का रास्ता, शिक्षक, कर्मचारी एवं अधिकारियों के मध्य प्रसारित इस वीडियो के माध्यम से लोग एकजुट हो रहे हैं तथा देशभर में पुरानी पेंशन बहाल करने की आवाज…

    फतेहपुर। जनपद फतेहपुर के हसवा ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय भैरवाँ द्वितीय में कार्यरत नवाचारी शिक्षक नवनीत कुमार शुक्ल कार्टून वीडियो के माध्यम से पुरानी पेंशन बहाली की आवाज को बुलंद कर रहे हैं।

    शिक्षक नवनीत कुमार शुक्ल ने पुरानी पेंशन की माँग के समर्थन में कई कार्टून वीडियो बनाएं जिसमें शिक्षक, कर्मचारी एवं अधिकारियों की एकजुटता के साथ-साथ पुरानी एवं नयी पेंशन योजना के बारे में विस्तार से बताया गया है तथा पुरानी पेंशन के दीर्घकालिक लाभों को देखते हुए सरकार से पुरानी पेंशन बहाल करने की अपील की है।

    शिक्षक, कर्मचारी एवं अधिकारियों के मध्य प्रसारित इस वीडियो के माध्यम से लोग एकजुट हो रहे हैं तथा देशभर में पुरानी पेंशन बहाल करने की आवाज को बुलंद कर रहे हैं।


    यहां देखें वीडियो… ⇓


    यहां देखें वीडियो… ⇓

    अंकिता हत्याकाण्ड : सीबीआई जांच की मांग को लेकर होगा आंदोलन


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    कार्टून के माध्यम से निकाला पुरानी पेंशन बहाली का रास्ता, शिक्षक, कर्मचारी एवं अधिकारियों के मध्य प्रसारित इस वीडियो के माध्यम से लोग एकजुट हो रहे हैं तथा देशभर में पुरानी पेंशन बहाल करने की आवाज...

    इस्तीफा देना होगा डीएवी के शिक्षकों को

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