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Tag: बिहार

  • बाल कविता : सूरज

    बाल कविता : सूरज

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    बाल कविता : सूरज… आसमान में चंदा मामा देखो कितने प्यारे लगते, जब अंधेरा खूब सताती चंदामामा दौड़ के आते। मुन्ना जब रोने लगता है मौसी उसको वहलाती है, चंदामामा जल्दी आना  #डा उषाकिरण श्रीवास्तव, मुजफ्फरपुर, बिहार

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    देखो सूरज कितने प्यारे
    अन्धेरों को हर लेते हैं,
    किरणें जब बिखराते
    तभी सुबह हो जाती है

    नानी राधे-राधे कहतीं
    दादी कहती जय सियाराम,
    राम-नाम के जपने से ही
    होगा जीवन का कल्याण।

    आसमान में चंदा मामा
    देखो कितने प्यारे लगते,
    जब अंधेरा खूब सताती
    चंदामामा दौड़ के आते।

    मुन्ना जब रोने लगता है
    मौसी उसको वहलाती है,
    चंदामामा जल्दी आना
    दूध-भात लेकर आ जाना।

    कविता : ज्ञानवापी


    बाल कविता : सूरज... आसमान में चंदा मामा देखो कितने प्यारे लगते, जब अंधेरा खूब सताती चंदामामा दौड़ के आते। मुन्ना जब रोने लगता है मौसी उसको वहलाती है, चंदामामा जल्दी आना  #डा उषाकिरण श्रीवास्तव, मुजफ्फरपुर, बिहार

  • कविता : ज्ञानवापी

    कविता : ज्ञानवापी

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    कविता : ज्ञानवापी… संभल जाओ दुष्टों तुम अब कैसे तू बच पायेगा, नींद से जागे भोले बाबा और मशान है जाग उठा। तिरस्कार किया है तुमने ज्ञान वापी में भोले नाथ का, भांति-भांति का ढोंग रचाकर #डा उषाकिरण श्रीवास्तव, मुजफ्फरपुर, बिहार

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    नंदी की तपस्या पूर्ण हुई
    भोले का तीनों नेत्र खुला,
    भारत के कोने-कोने में
    हर-हर, बम-बम है गूंज उठा।

    अत्याचारी दुर्जन विधर्मियों
    पापी के पाप का घड़ा भडा,
    सब देवों के देव महादेव का
    भूत-पिचाश है जाग उठा।

    संभल जाओ दुष्टों तुम
    अब कैसे तू बच पायेगा,
    नींद से जागे भोले बाबा
    और मशान है जाग उठा।

    तिरस्कार किया है तुमने
    ज्ञान वापी में भोले नाथ का,
    भांति-भांति का ढोंग रचाकर
    शिव-शंकर का अपमान किया।

    संस्कृत साहित्य का आदिकवि वाल्मीकि


    कविता : ज्ञानवापी... संभल जाओ दुष्टों तुम अब कैसे तू बच पायेगा, नींद से जागे भोले बाबा और मशान है जाग उठा। तिरस्कार किया है तुमने ज्ञान वापी में भोले नाथ का, भांति-भांति का ढोंग रचाकर #डा उषाकिरण श्रीवास्तव, मुजफ्फरपुर, बिहार

  • सरकारी विद्यालयों में बच्चे और शिक्षक समेत 95 की तबीयत बिगड़ी

    सरकारी विद्यालयों में बच्चे और शिक्षक समेत 95 की तबीयत बिगड़ी

    [box type=”info” align=”alignleft” class=”” width=”100%”]

    सरकारी विद्यालयों में बच्चे और शिक्षक समेत 95 की तबीयत बिगड़ी… मिर्जापुर पंचायत स्थित प्रोन्नत मध्य विद्यालय में खाना बनाने के दौरान रसोइया बेहोश होकर जमीन पर गिर गई। गोपालगंज उचकागांव प्रखंड क्षेत्र के तीन अलग-अलग विद्यालयों के 11 छात्र बुधवार के दिन अचानक विद्यालय में अचेत होकर जमीन पर गिर पड़े।

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    बिहार। बिहार के बेगूसराय, मुंगेर, शेखपुरा, जमुई, लखीसराय, गोपालगंज और बांका सरकारी स्कूलों में भीषण गर्मी के कारण छात्र, छात्राएं, शिक्षक, प्रधानाध्यापिका और रसोइया समेत 95 लोग बेहोश हो गए। इन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। सबसे अधिक बेगूसराय में 41 और जमुई में बच्चे और शिक्षक बीमार पड़ें हैं। घटना के बाद परिजनों में आक्रोश है। अभिभावकों का कहना है कि भीषण गर्मी में भी बच्चों को छुट्टी नहीं दी गई है।

    शिकायत करने पर कहा जाता है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने स्कूल को बंद करने का आदेश नहीं दिया है। अभिभावकों का कहना है कि 42 से 45 डिग्री तापमान के कारण बच्चे स्कूल में ही बीमार पड़ रहे हैं। बेगूसराय में बढ़ते गर्मी के बीच अलग-अलग स्कूलों में पढ़ रहे 41 से अधिक बच्चे बेहोश हो गए। बेहोशी के हालात में छात्र और छात्राओं को उसे जगह से उठाकर इलाज के लिए पीएचसी में भर्ती कराया गया। जहां सभी का इलाज चल रहा है।

    शेखपुरा के एक स्कूल में लू के कारण कई छात्र बेहोश हो गए। सभी छात्रों के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। बताया जा रहा है कि मनकौल गांव के हाई स्कूल में एक के बाद एक 13 से अधिक बच्चे बेहोश होने लगे। आननफानन में उन्हें शिक्षकों ने स्थानीय लोगों की मदद से अस्पताल में भर्ती करवाया। वहीं मुंगेर के धरहरा प्रखंड के तीन स्कूलों पांच छात्र बेहोश हो गए।

    इतना ही नहीं उच्च विद्यालय हेमराजपुर में परीक्षा के दौरान एक शिक्षक भी बेहोश हो गए। बांका जिले के शंभूगंज के मिर्जापुर पंचायत स्थित प्रोन्नत मध्य विद्यालय में खाना बनाने के दौरान रसोइया बेहोश होकर जमीन पर गिर गई। गोपालगंज उचकागांव प्रखंड क्षेत्र के तीन अलग-अलग विद्यालयों के 11 छात्र बुधवार के दिन अचानक विद्यालय में अचेत होकर जमीन पर गिर पड़े।

    जिन्हें शिक्षकों एवं छात्रों की मदद से किसी तरह से होश में लाने के बाद छात्रों के सहयोग से उन्हें घर भेज दिया गया। वहीं लखीसराय जिले के बड़हिया प्रखंड स्थित प्राथमिक विद्यालय कमरपुर में 4 छात्र व एक रसोईया बेहोश हुईं। मुजफ्फरपुर के सरैया प्रखंड क्षेत्र के बसंतपुर पट्टी स्कूल में तीन छात्रा गर्मी से बेहोश हो गईं। घटना के बाद परिजनों में आक्रोश है।

    पानी के टैंक में गिरा तेंदुआ, कड़ी मशक्कत के बाद निकाला


    सरकारी विद्यालयों में बच्चे और शिक्षक समेत 95 की तबीयत बिगड़ी... मिर्जापुर पंचायत स्थित प्रोन्नत मध्य विद्यालय में खाना बनाने के दौरान रसोइया बेहोश होकर जमीन पर गिर गई। गोपालगंज उचकागांव प्रखंड क्षेत्र के तीन अलग-अलग विद्यालयों के 11 छात्र बुधवार के दिन अचानक विद्यालय में अचेत होकर जमीन पर गिर पड़े।

  • कविता : अम्बर

    कविता : अम्बर

    [box type=”info” align=”alignleft” class=”” width=”100%”]

    कविता : अम्बर… साबन आया,साबन आया चलो बाग में झूला झूलें । खेतों में हरियाली छाई फल-फूलों से लदी है डाली। चिड़ियां चीं-चीं करती फिरती कोयल कूक-कूक कर कहती। #डा उषाकिरण श्रीवास्तव, मुजफ्फरपुर, बिहार

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    नीले अम्बर में काले बादल
    देखो कैसे गरज रहा है।
    झम-झम पानी बरस रहा
    देखो बिजली भी चमक रही है।

    कीचड-कीचड पानी-पानी
    नहीं निकलने देती नानी।
    कपड़े जब गंदे हो जायेग
    फिर स्कूल कैसे जायेगें ।

    साबन आया,साबन आया
    चलो बाग में झूला झूलें ।
    खेतों में हरियाली छाई
    फल-फूलों से लदी है डाली।

    चिड़ियां चीं-चीं करती फिरती
    कोयल कूक-कूक कर कहती।
    मेंढक भी टर्र-टर्र है टर्राते
    वर्षा में हम सब ख़ूब नहाते।

    भारत में गरीबी के कारण : मुद्रास्फीति तथा बेरोजगारी के साथ अंतर्संबंध

    मानव जीवन का सुरक्षा कवच है कृषि


    कविता : अम्बर... साबन आया,साबन आया चलो बाग में झूला झूलें । खेतों में हरियाली छाई फल-फूलों से लदी है डाली। चिड़ियां चीं-चीं करती फिरती कोयल कूक-कूक कर कहती। #डा उषाकिरण श्रीवास्तव, मुजफ्फरपुर, बिहार

  • कविता : चुभन

    कविता : चुभन

    [box type=”info” align=”alignleft” class=”” width=”100%”]

    कविता : चुभन… समय तुमने झुकाया महारथियों को, हंसते घर में क्रंदन और अंधेरे घर में। भर दी रौशनी का समय तुम्हारे सामने धन,पद, प्रतिष्ठा रुप,यौवन सब है खोखले नहीं है इनका कोई मोल, जिसपर इतना इतराते हो। #संगीता सागर, मुजफ्फरपुर (बिहार)

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    तुम भर देते हर‌ ज़ख्म कितने गहरे,
    पर, उसकी चुभन कहां हो पाती खत्म।
    समय व्यर्थ हो जाते हैं सभी शब्द
    सामने बदल जाते जाते खोखले।
    बदल जाते हैं समय के साथ शब्द,
    रिश्ते, पहचान और अनंत:करण।

    समय तुमने झुकाया महारथियों को,
    हंसते घर में क्रंदन और अंधेरे घर में।
    भर दी रौशनी का समय
    तुम्हारे सामने धन,पद, प्रतिष्ठा
    रुप,यौवन सब है खोखले
    नहीं है इनका कोई मोल,
    जिसपर इतना इतराते हो।

    तेजी से बीतते जा रहो हैं।
    तेरे साथ,दौड़ती जा रही है,
    तुम्हारे और मेरी उम्र की दौड़ में,
    चाहत है तुमसे,इक वादे की
    “कल जब ढ़ल जाएगी मेरी उम्र
    लड़खड़ाने लगे मेरे कदम,
    शेष हो जाएगी जूझने की शक्ति

    तब साथ छोड़गे सारे,आज अपने
    तब, तुम देना मेरा साथ गुनगुना ना
    कोई मधुर गीत और,मैं सो जाऊंगी
    तुम्हारी गोद में इक सूकून की नींद
    फिर, कभी न जाने के लिए
    कभी न जाने के लिए…..।

    कविता : रसमलाई


  • कविता : चमकौर की लड़ाई

    कविता : चमकौर की लड़ाई

    [box type=”info” align=”alignleft” class=”” width=”100%”]

    कविता : चमकौर की लड़ाई, वीर बालक अजीत सिंह ने रण भूमि में भरा हूंकार, दस हजार दुश्मनों पर भारी याद करो चमकौर लड़ाई। जब भाई ने वीर गति पाई कूद पड़े भाई जुझार सिंह, लड़ते रहे अंतिम क्षण तक याद करो चमकौर लड़ाई। #डा उषाकिरण श्रीवास्तव, मुजफ्फरपुर, बिहार

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    गुरु साहिब के चालीस योद्धा
    दस लाख पर भारी पर गये,
    मुगलों को जब धूल चटाई
    याद करो चमकौर लड़ाई।

    वीर बालक अजीत सिंह ने
    रण भूमि में भरा हूंकार,
    दस हजार दुश्मनों पर भारी
    याद करो चमकौर लड़ाई।

    जब भाई ने वीर गति पाई
    कूद पड़े भाई जुझार सिंह,
    लड़ते रहे अंतिम क्षण तक
    याद करो चमकौर लड़ाई।

    गुरु साहिब देख रहे थे
    हृदय के टुकड़े का बलिदान,
    ऐसा युद्ध कभी हुआ न होगा
    याद करो चमकौर लड़ाई।

    कविता : सुखी परिवार


    कविता : चमकौर की लड़ाई, वीर बालक अजीत सिंह ने रण भूमि में भरा हूंकार, दस हजार दुश्मनों पर भारी याद करो चमकौर लड़ाई। जब भाई ने वीर गति पाई कूद पड़े भाई जुझार सिंह, लड़ते रहे अंतिम क्षण तक याद करो चमकौर लड़ाई। #डा उषाकिरण श्रीवास्तव, मुजफ्फरपुर, बिहार

  • पुलिस की छापामारी : अवैध तेल, डोडा और ट्रैक्टर जब्त, पांच गिरफ्तार

    पुलिस की छापामारी : अवैध तेल, डोडा और ट्रैक्टर जब्त, पांच गिरफ्तार

    [box type=”info” align=”alignleft” class=”” width=”100%”]

    पुलिस की छापामारी : अवैध तेल, डोडा और ट्रैक्टर जब्त, पांच गिरफ्तार, वहीं दूसरी ओर 4 हेमराज कुमार संखवा छोटकी चापी से गिरफ्तार किया गया इसके पास से 267 किलोग्राम अवैध नशीली पदार्थ डोडा ट्रैक्टर पर लोड बारामद किया गया। #संवाददाता अशोक शर्मा

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    गया, बिहार। गया जिले के बाराचट्टी थाना क्षेत्र के तेतरिया बैजनाथपुर से 1 हजार लीटर तेल जप्त किया गया। वहीं दूसरी और 283 किलोग्राम नशीली पदार्थ डोडा बरामद किया गया। डोडा के साथ दो व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया एक लाल रंग के ट्रैक्टर पर 15 बोरा लोड डोडा समेत ट्रैक्टर जब्त । डोडा मामले में दो व्यक्ति गिरफ्तार किया गया है।

    बाराचट्टी थाना के थाना अध्यक्ष सह निरीक्षक के नेतृत्व में छापामारी कर कारवाई किया गया। गिरफ्तार व्यक्ति 1 मंटू कुमार पिता विकास गुप्ता,2 बबलू कुमार पिता कारु यादव ग्राम बैजनाथपुर,3 सुरज कुमार पिता बालेश्वर यादव इन तीनों एक हजार लीटर अवैध रूप से तेल के कारोबार करने में गिरफ्तार किया गया।

    वहीं दूसरी ओर 4 हेमराज कुमार संखवा छोटकी चापी से गिरफ्तार किया गया इसके पास से 267 किलोग्राम अवैध नशीली पदार्थ डोडा ट्रैक्टर पर लोड बारामद किया गया।5 महेश कुमार पिता टिकम यादव ग्राम जालही चैथिया से 16 किलो डोडा के साथ गिरफ्तार किया गया कुल गिरफ्तारी 5 बताया गया है इसकी जानकारी शेरघाटी अनुमंडल 2 डीएसपी साहब ने दिया।

    दहेज : संदेहास्पद स्थिति महिला की मौत


    पुलिस की छापामारी : अवैध तेल, डोडा और ट्रैक्टर जब्त, पांच गिरफ्तार, वहीं दूसरी ओर 4 हेमराज कुमार संखवा छोटकी चापी से गिरफ्तार किया गया इसके पास से 267 किलोग्राम अवैध नशीली पदार्थ डोडा ट्रैक्टर पर लोड बारामद किया गया। #संवाददाता अशोक शर्मा

  • 7वीं कक्षा की छात्रा की पाइप से पिटाई कर फोड़ दी दायीं आंख, टीचर फरार

    7वीं कक्षा की छात्रा की पाइप से पिटाई कर फोड़ दी दायीं आंख, टीचर फरार

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    7वीं कक्षा की छात्रा की पाइप से पिटाई कर फोड़ दी दायीं आंख, टीचर फरार, छात्रा के पिता ने बताया कि ट्यूशन का टीचर विजय यादव स्कूल भी बिना नाम के चलाते है। स्कूल और ट्यूशन एक ही है। वहीं पीड़ित परिजन ने मांग किया है कि हमारे पुत्री के साथ जिस तरह से पिटाई कर आंख फोड़ा गया है। #संवाददाता अशोक शर्मा

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    7वीं कक्षा की छात्रा की पाइप से पिटाई कर फोड़ दी दायीं आंख, टीचर फरार, छात्रा के पिता ने बताया कि ट्यूशन का टीचर विजय यादव स्कूल भी बिना नाम के चलाते है। स्कूल और ट्यूशन एक ही है। वहीं पीड़ित परिजन ने मांग किया है कि हमारे पुत्री के साथ जिस तरह से पिटाई कर आंख फोड़ा गया है। #संवाददाता अशोक शर्मागया, बिहार। बिहार के गया से बडी ख़बर आ रही है कोचिंग और स्कूल का टीचर ने होमवर्क पूरा नहीं करने पर 7वीं कक्षा के एक छात्रा को मारपीट कर दाहिने आंख फोड़ दिया है। दरअसल, यह मामला गया जिले के मोहनपुर थाना क्षेत्र के भलूआई गांव का है। भलुआई गांव निवासी कपिल यादव के 7 वर्षीय पुत्री अंशु कुमारी ट्यूशन पढ़ने के लिए भलुआई गांव के ट्यूशन और स्कूल के टीचर विजय यादव, पिता जुगी यादव के पास क्लास करने के लिए लगभग 3 महीना से जा रही थी।

    30 अप्रैल को जब छात्रा ने एक पेज का होमवर्क पूरा नहीं करके क्लास करने पहुंची थी, तो टीचर ने नल जल योजना के पाइप से पहले गर्दन पर मार कर पिटा, फिर नल-जल योजना के पाइप से आंख पर मार दिया, जिससे छात्रा का दाहिने आंख फुट गया। आंख का डॉक्टर के पास जब छात्रा को दिखाया गया तो, वहां का रिपोर्ट आया है कि आंख पूरी तरह से खराब हो गई।

    घटना के बाद जब छात्रा के पिता ने मोहनपुर थाने में ट्यूशन और स्कूल के टीचर पर प्राथमिक को दर्ज कराया है, लेकिन पुलिस अब तक टीचर की गिरफ्तारी नहीं कर रही है। जब छात्रा के पिता थाने पर जाते है तो छोटा-मोटा घटना को बताकर टहलाया जा रहा है और कान में तेल डालकर सो जाने की बात बोला गया। ट्यूशन का टीचर घटना के बाद से फरार चल रहा है।

    छात्रा के पिता ने बताया कि ट्यूशन का टीचर विजय यादव स्कूल भी बिना नाम के चलाते है। स्कूल और ट्यूशन एक ही है। वहीं पीड़ित परिजन ने मांग किया है कि हमारे पुत्री के साथ जिस तरह से पिटाई कर आंख फोड़ा गया है। उसी तरह से पुलिस भी उसे गिरफ्तार कर सजा दिलाएं, ताकि हमें न्याय मिल सके।


  • कविता : उनकी यादों में

    कविता : उनकी यादों में

    कविता : उनकी यादों में, अपनी आकृति में जंजीरों में जकड़े समय की गाथा सुनाते हमें तोड़ना होगा सुबह में जड़ जमाते चमकते अंधेरे को जिंदगी कितनी यहां अब मुस्कुराती याद आती रात चांदनी में कहां खामोश हो जाती, बिहार से राजीव कुमार झा की कलम से…

    समय की आकृति में
    इसका साम्यभाव
    विडंबनाओं से घिरता
    गया
    हिमालय पिघलता
    बहता
    गंगोत्री से दूर
    ऊंचे ग्लेशियरों में
    जर्जर दिख रहा

    यहां अब तूफ़ान आते
    सर्दियों में शत्रु
    बर्फीली चोटियों पर
    उमड़ आते
    गोलाबारी के बीच
    अपने हताहत
    सैनिकों को कंधे
    देकर
    उन्हें जो लोग घर लाते

    उनकी भाव भंगिमा में
    चेहरे की आकृति को
    बदलते समय के बीच
    कब हम पहचान पाते
    याद आते
    जिंदगी की आकृति को
    ढूंढ़ते
    यातनाओं से गुजरते
    बेघर लोग
    उनकी यादों में
    सारे किस्से

    अपनी आकृति में
    जंजीरों में जकड़े
    समय की गाथा सुनाते
    हमें तोड़ना होगा
    सुबह में जड़ जमाते
    चमकते अंधेरे को
    जिंदगी कितनी
    यहां अब मुस्कुराती
    याद आती रात
    चांदनी में कहां
    खामोश हो जाती

    रक्तपात के बाद
    रुदन
    औरतों का विलाप
    उजड़ते जंगल में
    सुनायी देता
    काश ! इनके साथ
    यहां कोई आज होता
    चैन से हर कोई
    यहां धूप में
    प्रेम का बीज बोता

    सागर उछाले भरता
    दूर से फिर तट की ओर
    बढ़ते
    शत्रुओं के युद्ध बेड़ों को
    देखकर
    फुंफकार उठता
    उसी धरती पर
    यहां सूरज उगा
    प्रेम भाव में पगा
    यहां हर घर का आंगन
    सुख चैन से रोशन

    हुआ
    अपने बारे में इसने
    कभी किसी को
    कुछ भी नहीं कहा
    सैकड़ों सालों से
    यहां हर आदमी
    दुख दर्द सिर्फ सहता रहा
    अपना गम खुद को
    बताता
    जिंदगी से फिरता गया
    समय और समाज की
    इस आकृति में
    यहां किसका चेहरा

    समाया
    दुपहरी में सूरज
    दरवाजे पर तमतमाया
    चला आया
    शाम की नाव में
    क्षितिज के पार जाता
    कोई उदास बैठा
    अकेला
    नदी की बहती हुई
    धारा
    अकेली रातभर
    यहां डूबता स्वर
    रोज देता सुनाई

    गलत ट्रेन में चढ़ी महिला, कूदना पड़ा चलती ट्रेन से


    👉 देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है। अपने शब्दों में देवभूमि समाचार से संबंधित अपनी टिप्पणी दें एवं 1, 2, 3, 4, 5 स्टार से रैंकिंग करें।

    कविता : उनकी यादों में, अपनी आकृति में जंजीरों में जकड़े समय की गाथा सुनाते हमें तोड़ना होगा सुबह में जड़ जमाते चमकते अंधेरे को जिंदगी कितनी यहां अब मुस्कुराती याद आती रात चांदनी में कहां खामोश हो जाती, बिहार से राजीव कुमार झा की कलम से...

    हिंदू युवक से मुस्लिम युवती ने की शादी, लोगों में तनाव

  • कविता : नया साल

    कविता : नया साल

    कविता : नया साल, इस दिन घर के पास जिसे भी देखना उसके पास जाना शायद वह ग्रीटिंग्स लेकर आया हो जाड़े में कभी बाहर घूमने जाना वहां गर्म पानी के झरने में नहाना गुनगुनी धूप में आकर कभी झरने के… बिहार से राजीव कुमार झा की कलम से…

    इस दिन घर के
    पास
    जिसे भी देखना
    उसके पास जाना
    शायद वह ग्रीटिंग्स
    लेकर आया हो
    जाड़े में कभी बाहर

    घूमने जाना
    वहां गर्म पानी के
    झरने में नहाना
    गुनगुनी धूप में
    आकर
    कभी झरने के
    किनारे बैठ जाना
    यहां कोई हवा
    तुम्हारा पता पूछती

    खेतों से चली
    आयेगी
    कुहासे में सर्द रातें
    अलाव में
    हाथ सेंकते
    कट जाएंगी
    तालाब के किनारे
    सुबह धूप छाएगी

    जिंदगी का लुत्फ
    इसी मौसम में
    तुम पहाड़ की
    सीढ़ियों पर
    चढ़ कर उठाएगी
    इसकी वादियों में
    हराभरा जंगल
    आकाश के
    तल में समाया

    तुम्हारी यादों में
    यह दिन
    थोड़ा पास आकर
    सबने बिताया
    नेहभरी आंखों में
    वह मौन आमंत्रण
    आकाश मुस्कराया
    रात भर
    यह सब याद आया

    उसके आते ही
    पिया के चेहरे पर
    एक नया रंग छाया
    तुमने दीपक जलाया
    सुबह का आलोक
    राहों में यहां छाया
    नदी ने सितारों को
    सुबह गीत गाकर
    सुनाया

    उसी राह में सावन
    सबके साथ आया
    यहां भगवान को
    किसने जल चढ़ाया
    आज फूल खिले
    सूरज चंदा
    यह सब देख कर
    आकाश में हंसते रहे

    काम की बात : किशमिश ही नहीं उसका पानी भी है फायदेमंद


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    कविता : नया साल, इस दिन घर के पास जिसे भी देखना उसके पास जाना शायद वह ग्रीटिंग्स लेकर आया हो जाड़े में कभी बाहर घूमने जाना वहां गर्म पानी के झरने में नहाना गुनगुनी धूप में आकर कभी झरने के... बिहार से राजीव कुमार झा की कलम से...

    प्रदेशों के प्रमुख पयर्टक स्थलों से संबंधित समाचार और आलेखों के प्रकाशन किया जाता है। पाठकों के मनोरंजन के लिए बॉलीवुड के चटपटे मसाले और साहित्यकारों की ज्ञान चासनी में साहित्य की जलेबी भी परोसी जाती है।

    जबरन गले लगाने वाला मेहमान भी गवाह

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