स्वस्थ रहें-मस्त रहें, व्यर्थ की चिंता को छोड़ दें
सुनील कुमार माथुर
जीवन को शान के साथ जीओं । जीवन में उतार चढाव तो आते ही रहते हैं लेकिन हिम्मत से काम ले । हमेशा स्वस्थ रहें , मस्त रहें और व्यर्थ की चिंता को छोड़ दें । चिंता चिता के समान होती हैं । इसलिए हमेशा हंसते मुस्कुराते रहिए । हंसते मुस्कुराते हुए कार्य करें तो सफलता अवश्य ही मिलेगी और सफलता उन्हें ही मिलतीं है जो पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ अपना कार्य करते हैं । जो व्यक्ति कर्म को ही पूजा समझता हैं वही जीवन में आगें बढता हैं
जीवन में हमेशा सकारात्मक सोच रखिए और किसी को भी कुछ भी बोलने से पहले उस पर विचार करें । वही दूसरी ओर बिना सोचे समझे कोई भी कार्य करने से बचें । कभी भी किसी का अहित न करें । अगर हम किसी का भला नहीं कर सकतें है तो हमें किसी का बुरा भी नहीं करना चाहिए । किसी का बुरा करना या बुरा सोचना भी पाप हैं ।
याद रखिये कि मेहनत करने वालों के लिए कोई भी समय बुरा नहीं होता हैं । अगर आपकी सोच सकारात्मक हैं तो हर समय आपके लिए उपयुक्त है । जो लोग आलसी होते हैं और जिनकी सोच नकारात्मक होती हैं वे लोग ही शुभ – अशुभ के चक्कर में पडकर समय बर्बाद करते हैं । अतः जीवन में हमेशा सकारात्मक सोच रखिए और फिर आगें बढें सफलता अवश्य ही मिलेगी ।
अपने कार्य के साथ ही साथ व्यक्ति को धर्म – कर्म में रूचि रखनी चाहिए । दान पुण्य करते रहना चाहिए तभी समाज में यश व कीर्ति की वृध्दि होगी । हमेशा अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें और सोच समझ कर बोले अन्यथा बनते हुए कार्य भी बिगड सकते हैं । आप अपनी सोच बदलें , न कि दूसरों को बदलने की कोशिश करें । अपने कॅरियर के प्रति गंभीर निर्णय ले हमेशा आत्मविश्वास के साथ आगें बढें ताकि गलत निर्णय लेने से बच सकें ।
जब आपके मन में कार्य के प्रति निष्ठा हैं तो कोई भी दुविधा मन में नहीं आयेगी और आप एकाग्र चित होकर अपना कार्य संपादित कर पायेंगे । जिस व्यक्ति के मन में दुविधा होती हैं वह कभी भी अपने लक्ष्य को आसानी से हासिल नहीं कर सकता हैं चूंकि दुविधा के चलते वह कभी भी कोई ठोस निर्णय नहीं ले पाता हैं ।
जीवन में नई उडान वही व्यक्ति भर सकता हैं जो सकारात्मक सोच रखता हो । ईमानदारी व निष्ठा के साथ सुचारू रूप से कार्य करता हो और स्पष्टवादी हो । चूंकि ऐसे व्यक्ति किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए पहले अपने कार्य के संबंध में पूरी जानकारी लेता हैं । उसके संबंध में चिंतन मनन करता हैं और फिर अपना लक्ष्य निर्धारित कर उस कार्य के दौरान कौन – कौन सी कठिनाइयां व दिक्कतें आयेगी और उनका निवारण कैसे करना होगा यह बात जब तक समझ नहीं लेगे तब तक सफलता हासिल नहीं की जा सकती हैं ।
इसलिए व्यक्ति को हमेशा शान्त चित होकर अपना कार्य करना चाहिए तभी सफलता हासिल होगी । इसी के साथ ही साथ व्यक्ति स्वस्थ रहें , मस्त रहें और व्यर्थ की चिंता को छोड़ दें । चूंकि चिंता व्यक्ति को भीतर से खोखला कर देती हैं और उसके सोचने समझने की शक्ति को क्षीण कर देती हैं ।
Nice article
Nice
Nice article
Nice
Ek dm shai kha
Nice article
Nice
Nice article
Nice article
Nice article 👍
AWESOME article chacha ji 👍
Nice
Very nice and true as well
Nice