
ऋषिकेश। परिवहन महासंघ के आह्वान पर बुधवार को पूरे गढ़वाल मंडल में एक दिवसीय चक्का जाम किया गया। देहरादून और पर्वतीय जिलों की यूनियनों ने इस आंदोलन को समर्थन दिया है। ऋषिकेश में विभिन्न स्थानों पर वाहनों का संचालन पूरी तरह ठप रहा, जिससे आमजन को आवाजाही में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। ट्रांसपोर्टरों ने व्यावसायिक वाहनों पर दो साल के टैक्स की छूट, हर साल टैक्स में पांच प्रतिशत वृद्धि के नियम को समाप्त करने और ऋषिकेश स्थित आरटीओ कार्यालय में बनाए गए फिटनेस सेंटर को शीघ्र शुरू करने की मांग उठाई है। उनका कहना है कि चारधाम यात्रा धीमी रहने से वाहन चालकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है, इसलिए सरकार को राहत देनी चाहिए।
कर्णभूमि टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष मदन मोहन नवानी ने बताया कि हड़ताल में शामिल होना सभी चालकों पर छोड़ा गया है, जबकि जय माँ जिलासू चंडीका टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष देवेंद्र सिंह कंडारी ने आंदोलन को पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की। ऋषिकेश और आसपास के क्षेत्रों में सभी जीप, टैक्सी और व्यावसायिक वाहनों का संचालन बंद रहा। स्थानीय मार्गों पर बसें नहीं चलने से यात्रियों को पैदल सफर करना पड़ा।
नई टिहरी में व्यापक असर
नई टिहरी में हड़ताल का सबसे व्यापक असर देखने को मिला। जीप, टैक्सी, बस और ट्रक यूनियन की संयुक्त हड़ताल के कारण बस अड्डा और टैक्सी स्टैंड खाली पड़े रहे। कुछ निजी वाहनों को यूनियन सदस्यों ने रोक दिया, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित रहा। सुबह से ही सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा और लोगों की आवाजाही बेहद सीमित रही। टिहरी गढ़वाल मोटर ऑनर्स यूनियन (टीजीएमओ) के कार्यालय में सोमवार को सभी यूनियनों — ट्रक, डंपर, विक्रम, ऑटो, ई-रिक्शा, बस यूनियन आदि — की बैठक हुई थी।
बैठक में तय किया गया कि सरकार द्वारा वादों के पूरे न होने के विरोध में एक दिवसीय चक्का जाम आवश्यक है। टीजीएमओ के अध्यक्ष जितेंद्र नेगी ने बताया कि देहरादून में परिवहन सचिव ने कुछ मांगों को मानने का आश्वासन दिया था, लेकिन उस पर अब तक कोई अमल नहीं हुआ। ट्रांसपोर्टर गजेंद्र नेगी ने कहा कि पिछले वर्ष ट्रकों की भार क्षमता बढ़ाने को लेकर आंदोलन हुआ था। विभाग ने 21 दिनों में समाधान का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। भूपाल सिंह नेगी ने बताया कि विभाग को भेजे गए मांग पत्रों में से किसी भी मांग को नहीं माना गया, इसलिए अब सख्त कदम उठाना जरूरी हो गया है।
गढ़वाल ट्रक एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश बहुगुणा और बिजेंद्र कंडारी ने भी प्रदेश सरकार पर ट्रांसपोर्टरों की अनदेखी का आरोप लगाया। सभी यूनियनों की सहमति से संयोजक संजय शास्त्री ने बुधवार 29 अक्तूबर को एक दिवसीय चक्का जाम की घोषणा की थी। बैठक में प्यारेलाल जुगरान, सुनील कुमार, हेमंत डंग, कृष्णा बडोनी, कुलदीप बहुगुणा, शक्ति सेमवाल, अमर सिंह और पुष्पेंद्र रावत सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।
प्रशासन से हुई बातचीत, पर सहमति नहीं बनी
टीजीएमओ कार्यालय में ट्रांसपोर्टरों को समझाने के लिए एआरटीओ (प्रशासन) रावत सिंह कटारिया और एआरटीओ (प्रवर्तन) रश्मि पंत टीम सहित पहुंचे। उन्होंने बताया कि ट्रांसपोर्टरों की 10 सूत्रीय मांगों में से लगभग 80 प्रतिशत मुद्दों पर मुख्यालय स्तर पर सहमति बन चुकी है।
इनमें आरटीओ परिसर में वाहनों की फिटनेस जांच की सुविधा पूर्ववत शुरू करने, वाहन स्वामियों को एक साल की टैक्स माफी देने, आर्थिक सहायता के प्रस्ताव को शासन को भेजने, आपदा में अधिग्रहित वाहनों के किराये में वृद्धि, ट्रकों की भार क्षमता बढ़ाने और राष्ट्रीय परमिट वाहनों में एकरूपता लाने जैसी मांगे शामिल हैं। हालांकि, ट्रांसपोर्टर इन आश्वासनों से संतुष्ट नहीं हुए और चक्का जाम जारी रखा।






