
देहरादून | उत्तराखंड में डिजिटल क्रॉप सर्वे के लिए अब निजी क्षेत्र की मदद ली जाएगी। इसके तहत निजी सर्वेयरों को नियुक्त करने की तैयारी चल रही है। इस योजना के लिए कृषि मंत्रालय से बजट उपलब्ध कराया जाएगा।
राज्य में पहली बार 4400 गांवों में डिजिटल क्रॉप सर्वे की शुरुआत की गई है। इस सर्वे के दौरान हर काश्तकार का विवरण, खेत में बोई गई फसल की जानकारी और खेत की फोटोग्राफ ली जाती है। इस काम के लिए राजस्व, उद्यान और कृषि विभाग के कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।
आने वाले समय में सर्वे का दायरा और बढ़ेगा तथा गांवों की संख्या में भी वृद्धि की जाएगी। यह सर्वे वर्ष में दो बार किया जाएगा — खरीफ और रबी सीजन में। फिलहाल इस कार्य में लगे विभागीय कर्मचारियों को अन्य दायित्व भी निभाने पड़ रहे हैं, ऐसे में कार्य की गति बनाए रखने के लिए निजी सर्वेयरों को शामिल करने की योजना बनाई जा रही है।
राजस्व परिषद सचिव रंजना राजगुरु ने बताया कि राज्य में डिजिटल क्रॉप सर्वे का कार्य जारी है और आगामी रबी फसल सत्र में सर्वे के लिए निजी क्षेत्र से सर्वेयर नियुक्त किए जाने की योजना है। यूपी में यह मॉडल पहले से लागू है और अब उत्तराखंड में भी इसी तर्ज पर इसे आगे बढ़ाया जा रहा है।