कविता : उल्का पिंड

सितारों से सजे आकाश में उल्कापिंड की तरह वह तुम्हारे दामन में गिरता जल गया वह अब एक सपना हो गया अंतहीन सागर में समाती यौवन की तरंगों से भरपूर https://devbhoomisamachaar.com/wp-content/uploads/2025/01/Sports-Video-2025.mp4 तुम्हारी सांसों में रंग-बिरंगे फूलों की महक समाई है। अब तुम जीवन मंदिर में भगवान के चरणों की दासी हो रात – दिन उसकी … Continue reading कविता : उल्का पिंड