कविता : आकाश की नीलिमा

तुम्हारे रूप का जादू जिंदगी की वादियों को गुलज़ार कर देता अरी सुंदरी हमारी झोपड़ी में सूरज आकर कहता आकाश कितनी दूर तक बाहर फैला सतरंगी रोशनी में कितना सुन्दर लगता ग्रीष्म ऋतु में धरती का यह रंग मटमैला https://devbhoomisamachaar.com/wp-content/uploads/2024/11/90-Sec.-Vocal-for-Local-2024-Final-Film-WA.mp4 तुम हंसती हो मन का मैल नदी की धारा में जिंदगी का झाग बन जाता … Continue reading कविता : आकाश की नीलिमा