
देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र इस बार प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में आयोजित किया जाएगा। सत्र 19 अगस्त से 22 अगस्त 2025 तक चलेगा। शासन ने शुक्रवार को इस संबंध में औपचारिक आदेश जारी कर दिया है। यह निर्णय राज्य के संवैधानिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किए जाने के बाद से वहां लगातार सत्र आयोजन की मांग की जाती रही है।
राजनीतिक, प्रशासनिक तैयारियों को लेकर हलचल तेज
मानसून सत्र की तिथियों के ऐलान के बाद विधानसभा सचिवालय और राज्य सरकार की तैयारियां तेज हो गई हैं। गैरसैंण जैसे पर्वतीय क्षेत्र में सत्र संचालन के लिए प्रशासन, सुरक्षा, परिवहन, संचार और आवास व्यवस्थाओं को लेकर विशेष सावधानी बरती जा रही है।
जन अपेक्षाएं भी होंगी सामने
सत्र के दौरान विपक्ष राज्य की प्रमुख जन समस्याओं, कानून व्यवस्था, आपदा प्रबंधन, बेरोजगारी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे मुद्दों को जोर-शोर से उठा सकता है। वहीं, सरकार के लिए यह सत्र आगामी योजनाओं को प्रस्तुत करने और अपने कार्यों का लेखा-जोखा देने का अवसर भी होगा। भराड़ीसैंण में मानसून सत्र का आयोजन राज्य की राजनीतिक-सांस्कृतिक दृष्टि से भी प्रतीकात्मक महत्व रखता है। अब सभी की निगाहें इस बात पर होंगी कि सत्र के दौरान जनता से जुड़े कितने जमीनी मुद्दों पर चर्चा होती है और क्या कोई ठोस नीति या निर्णय सामने आता है।