
रुद्रप्रयाग | बरसात के बाद एक बार फिर केदारनाथ धाम श्रद्धालुओं से गुलजार हो उठा है। धाम की दूसरे चरण की यात्रा ने अब पूरी रफ्तार पकड़ ली है। प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार अब तक 17 लाख से अधिक तीर्थयात्री भगवान केदारनाथ के दर्शन कर चुके हैं, जबकि रोजाना 10 से 12 हजार श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन के लिए धाम पहुंच रहे हैं। मौसम इन दिनों बेहद सुहावना है, जिसके कारण यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। श्रद्धालु न केवल धार्मिक अनुभूति में डूबे हुए हैं, बल्कि बर्फ से ढकी पर्वत चोटियों, हरियाली और बुग्यालों के अप्रतिम सौंदर्य का आनंद भी ले रहे हैं।
गौरतलब है कि जुलाई-अगस्त के दौरान लगातार हो रही बारिश और अतिवृष्टि के कारण गौरीकुंड-केदारनाथ हाईवे के कई हिस्सों पर भूस्खलन और भू-धंसाव हुआ था। उस समय जिला प्रशासन को यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए तीर्थयात्रा को अस्थायी रूप से रोकना पड़ा था। प्रतिदिन मात्र 4 से 5 हजार यात्री ही दर्शन के लिए पहुंच पा रहे थे। अब मौसम सामान्य होते ही स्थिति पूरी तरह बदल गई है। आस्था पथ की मरम्मत और सफाई कार्य पूरा होने के बाद प्रशासन ने यात्रा को पुनः पूर्ण रूप से सुचारू कर दिया है। इसके बाद से ही यात्रियों का रुझान तेजी से बढ़ा है।
तीर्थयात्रियों का जत्थों में आगमन
धाम में पहुंचने वाले अधिकांश तीर्थयात्री जत्थों के रूप में यात्रा कर रहे हैं। समूहों में आने वाले श्रद्धालु एक साथ पूजा-अर्चना करते हैं और बाबा केदार के चरणों में नतमस्तक होकर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। केदारनाथ में वर्षों से व्यवसाय कर रहे विनोद सेमवाल का कहना है कि —
“बरसात के बाद अब धाम की रौनक लौट आई है। इन दिनों आसपास की पहाड़ियों में हरी बुग्याल घास की चादर बिछी हुई है, जो केदारनाथ की सुंदरता को और बढ़ा रही है। श्रद्धालु यहां धार्मिक आस्था के साथ-साथ प्रकृति की गोद में भी सुकून तलाश रहे हैं।”
केवल केदारनाथ ही नहीं, बल्कि बदरीनाथ धाम में भी यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हर दिन 12 हजार से अधिक श्रद्धालु भगवान बदरी विशाल के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। देवभूमि उत्तराखंड में इन दिनों चारधाम यात्रा के अंतिम चरण का दौर चल रहा है, और मौसम की अनुकूलता ने यात्रियों की आस्था में नई ऊर्जा भर दी है।
प्रशासन ने की सुविधाओं में वृद्धि
श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन ने पैदल मार्गों पर सुरक्षा, चिकित्सा और स्वच्छता व्यवस्था को और मजबूत किया है।
- पुलिस और SDRF टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं।
- हेल्पडेस्क और सूचना केंद्र यात्रियों को मार्गदर्शन दे रहे हैं।
- घोड़ा-खच्चर सेवाओं और हेलीकॉप्टर शटल की व्यवस्था भी सुचारू रूप से चल रही है।
रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभागों को 24 घंटे सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। केदारनाथ धाम में इस समय आस्था और पर्यटन का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। श्रद्धालु दर्शन के बाद आसपास की घाटियों, झरनों और हिमाच्छादित चोटियों के दृश्य कैमरों में कैद कर रहे हैं। धाम के पुजारी वर्ग का कहना है कि इस बार दूसरे चरण में श्रद्धालुओं की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 20% अधिक है।
यह न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए भी सकारात्मक संकेत है। उत्तराखंड सरकार द्वारा यात्रा मार्गों के सौंदर्यीकरण, सड़क सुधार, और डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम जैसी योजनाओं का असर अब दिखाई देने लगा है। जहां पहले बरसात के बाद यात्राएं धीमी पड़ जाती थीं, वहीं अब प्रशासनिक तत्परता और धार्मिक उत्साह के मेल से यात्रा निर्बाध रूप से जारी है।