उत्तराखण्ड समाचार

बाल अपराधों को रोकने के लिए रखे गए विचार, देखें वीडियो

जगदीश कलौनी
वरिष्ठ पत्रकार

पिथौरागढ़।  बाल तस्करी, बाल श्रम, बालकों का शोषण रोकने के लिए बाल अधिकार संरक्षण आयोग सक्रिय भागीदारी निभा रहा है। सीमांत क्षेत्रों में व्यापक अभियान संचालित किए जाएंगे। एक अगस्त से 25 अगस्त तक चल रहे ‘बाल तस्करी का मुकाबला अभियान’ के अंतर्गत विकास भवन सभागार में बाल तस्करी से मुक्ति विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग और राज्य बालक संरक्षण आयोग के प्रतिनिधियों ने यह जानकारी दी।

कार्यशाला का उद्घाटन राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सलाहकार डाक्टर राजेंद्र मलिक, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष विनोद कपरवान, सदस्य सुमन राय, बाल कल्याण समिति पिथौरागढ की अध्यक्ष लक्ष्मी भट्ट ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यशाला में जनपद को बाल तस्करी से मुक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय व राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग से उपस्थित पदाधिकारियों व सदस्यों द्वारा विभिन्न सुझाव दिये गये। इस अवसर पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सलाहकार डाक्टर मलिक ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य है। हमें भविष्य की रक्षा करनी है तो बच्चों की रक्षा करनी होगी।


राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के सलाहकार डाक्टर राजेंद्र कुमार।

उन्होंने कहा कि नशे के अवैध कारोबार, अंग प्रत्यारोपण, यौन जिज्ञासाओं को पूरा करने, भिक्षावृत्ति करवाने आदि के लिए बाल तस्करी की जाती है। इन अपराधों पर लगाम लगाने के लिए जिला प्रशासन,पुलिस, शिक्षा एवं स्वास्थ्य आदि विभागों को संवेदनशील रहकर कार्य करने की आवश्यकता है। बाल अपराधों को रोकने के लिए जागरूकता जरूरी है, इसमें विद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। विद्यालयों में बच्चों को बाल तस्करी के कारणों के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पदाधिकारियों द्वारा भी बाल तस्करी व बाल अपराधों को रोकने के लिए अपने विचार एवं सुझाव रखे गए।

इसके अलावा जिला प्रशासन एवं जिले के सामाजिक संगठनों द्वारा भी जिले में बाल तस्करी व बाल अपराधों को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी गई। इस अवसर पर जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने बाल तस्करी एवं बाल अपराधों को रोकने के लिए उनके द्वारा किये जा रहे हैं। राष्ट्रीय व राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पदाधिकारियों को आश्वस्त किया गया कि उनके द्वारा कार्यशाला में जो भी सुझाव प्रस्तुत किए गए हैं उन पर काम किया जाएगा तथा जनपद को बाल तस्करी से मुक्त किया जाएगा।


राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष विनोद कपरवान।

इस अवसर पर उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षडाक्टरगीता खन्ना ने प्रतिभागियों को ऑनलाईन प्रशिक्षण दिया। कार्यक्रमें मुख्य विकास अधिकारी अनुराधा पाल, जिला प्रोबेशन अधिकारी संजय गौरव, पुलिस उपाधीक्षक महेश चंद्र जोशी,अध्यक्ष जिला बाल कल्याण समिति लक्ष्मी भट्ट, रेखा रानी, जगदीश कलौनी, मनोज कुमार पांडेय, चाइल्ड लाइन के संयोजक रेनू ठाकुर, कार्ड संस्था के सचिव सुरेंद्र आर्य, घनश्याम ओली संस्था के अजय ओली, जिला प्रोवेशन अधिकारी संजय गौरवआदि ने विचार रखे।

इससे पूर्व राष्ट्रीय एवं राज्य बाल संरक्षण आयोग के पदाधिकारियों ने दिनेश गुरूरानी के संयोजन में एक पौधा धरती माता के नाम तहत रोपित किया। कार्यशाला का संचालन विधि सह परिवीक्षा अधिकारी अंकुर जोशी ने किया।

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