
नई दिल्ली/देहरादून | मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की। यह भेंट केवल सौजन्य मुलाक़ात नहीं, बल्कि उत्तराखण्ड के समग्र विकास के लिए एक रणनीतिक वार्ता बन गई। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को राज्य के भावी विकास की योजनाओं, आवश्यकताओं और सांस्कृतिक आयोजनों की जानकारी देते हुए केंद्र सरकार से वित्तीय और संस्थागत सहयोग का अनुरोध किया।
प्रधानमंत्री को भेंट किए उत्तराखण्डी उत्पाद और सांस्कृतिक प्रतीक
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को कार्तिक स्वामी मंदिर का प्रतिरूप, आदि कैलाश यात्रा पर आधारित कॉफी टेबल बुक, और धारचूला का घी, पुरोला का लाल चावल, बासमती चावल, काला जीरा, गंध रैण, जम्बू तथा स्थानीय शहद जैसे पारंपरिक उत्पाद भेंट किए। उन्होंने प्रधानमंत्री को भारत के 27 देशों द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिए जाने पर बधाई भी दी। मुख्यमंत्री ने केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम की तर्ज पर हरिद्वार गंगा कॉरिडोर, ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर और शारदा कॉरिडोर, चम्पावत के विकास के लिए सीएसआर फंडिंग की व्यवस्था कराने का अनुरोध किया।
सेमीकंडक्टर हब, रेल परियोजनाएं और रैपिड ट्रांजिट कनेक्टिविटी पर फोकस
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि उधमसिंह नगर स्थित नेपा फार्म को सेमीकंडक्टर हब के रूप में विकसित किया जाए। साथ ही उन्होंने दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल को हरिद्वार तक विस्तारित करने, टनकपुर-बागेश्वर और ऋषिकेश-उत्तरकाशी रेल परियोजनाओं में मार्ग निर्माण शामिल करने की सिफारिश की। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अगस्त 2026 में आयोजित होने वाली नंदा राजजात यात्रा के बारे में जानकारी दी। उन्होंने यात्रा मार्ग में पर्यावरण-अनुकूल अवस्थापना विकास के लिए 400 करोड़ रुपये की सहायता का अनुरोध किया और प्रधानमंत्री को इस पर्वतीय महाकुंभ में आमंत्रित किया।
हरिद्वार कुंभ 2027: 3500 करोड़ की वित्तीय सहायता का अनुरोध
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2027 में हरिद्वार में आयोजित होने वाले दिव्य एवं भव्य महाकुंभ के लिए राज्य सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके तहत पुलों की मरम्मत, पार्किंग, विद्युत, जल, शौचालय, परिवहन और श्रद्धालुओं के लिए बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए 3500 करोड़ रुपये की मांग की गई। राज्य सरकार द्वारा भेजी गई 1015 करोड़ रुपये की डीपीआर के अंतर्गत HT व LT लाइनें भूमिगत करने और विद्युत प्रणाली को स्वचालित करने के लिए आरडीएसएस योजना में मंजूरी का आग्रह किया गया।
चौरासी कुटिया को सांस्कृतिक पर्यटन केंद्र के रूप में पुनर्जीवित करने की योजना
मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश स्थित ऐतिहासिक चौरासी कुटिया को पुनर्जीवित करने के लिए धनराशि की व्यवस्था और प्रस्ताव को राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से अनुमोदन की अपील की। मुख्यमंत्री ने बताया कि पिण्डर-कोसी लिंक परियोजना से अल्मोड़ा, बागेश्वर और नैनीताल जिलों के 625 गांवों की लगभग 2 लाख जनसंख्या को पेयजल और सिंचाई की सुविधा मिल सकेगी। इसके लिए परियोजना को भारत सरकार की विशेष योजना में लेने का अनुरोध किया गया।
कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली समिति की संस्तुतियों के तहत 596 मेगावाट की पांच जलविद्युत परियोजनाओं को मंजूरी देने की मांग भी मुख्यमंत्री ने रखी। मुख्यमंत्री से चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चारधाम यात्रा, आदि कैलाश यात्रा, नंदा राजजात, महाकुंभ, और जल जीवन मिशन से जुड़ी राज्य सरकार की तैयारियों की जानकारी ली और उत्तराखण्ड के विकास के लिए केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रधानमंत्री से यह मुलाकात उत्तराखण्ड की बहुआयामी विकास योजनाओं को गति देने वाली साबित हो सकती है। चाहे वह धार्मिक पर्यटन हो, औद्योगिक विकास, रेल कनेक्टिविटी, पर्यावरणीय संरचना या पेयजल योजनाएं—यह वार्ता राज्य को विकसित भारत 2047 के विजन की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ाने की रणनीति है।