रुद्रप्रयाग/बदरीनाथ। मानसून के सक्रिय होते ही चारधाम यात्रा, विशेषकर केदारनाथ और बदरीनाथ धाम की गति पर बड़ा असर पड़ा है। रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे और गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर लगातार हो रहे अवरोधों और खराब मौसम के चलते श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। इसके साथ ही स्थानीय कारोबार और होटल व्यवसाय पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
केदारनाथ यात्रा पर मानसून का असर
बीते सप्ताह में केदारनाथ में दर्शनार्थियों की संख्या में लगातार गिरावट देखी गई है। जुलाई माह के पहले नौ दिनों में केवल 27,280 श्रद्धालु ही केदारनाथ पहुंचे। बुधवार को तो यह संख्या गिरकर महज 1165 पर पहुंच गई, जो अब तक की सबसे कम संख्या है। इसके विपरीत मई में 6.96 लाख और जून में 6.18 लाख श्रद्धालुओं ने धाम में दर्शन किए थे। यात्रा की रफ्तार धीमी होने से केदारनाथ घाटी में स्थित पड़ाव, बाजार और दुकानों में सन्नाटा पसरा हुआ है।
स्थानीय कैंटीन संचालक राकेश नेगी ने बताया कि श्रद्धालुओं की संख्या घटने से कारोबार लगभग ठप हो गया है। गढ़वाल मंडल विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक गिरवीर सिंह रावत के अनुसार, यात्रा में गिरावट के कारण रोजाना कई बुकिंग रद्द हो रही हैं। बीकेटीसी के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी युदवीर पुष्पवाण ने भी पुष्टि की कि जून के तीसरे सप्ताह से ही श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आनी शुरू हो गई थी और अब प्रतिदिन महज डेढ़ से दो हजार यात्री ही धाम पहुंच पा रहे हैं।
बदरीनाथ में भी होटल व्यवसाय पर प्रभाव
बदरीनाथ धाम में श्रद्धालुओं की संख्या अभी भी अधिक है, लेकिन इसके बावजूद होटल व्यवसाय पर बुरा असर पड़ा है। बदरीनाथ होटल एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी रामनारायण भंडारी ने बताया कि इस साल होटल बुकिंग में 15 से 20 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है। इस गिरावट के पीछे मानसून के साथ-साथ ऑनलाइन पंजीकरण की जटिल प्रक्रिया, भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव, और केदारनाथ में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं जैसे कारकों को जिम्मेदार माना जा रहा है। होटल व्यवसायी अंशुमान भंडारी ने कहा कि 15 जून के बाद से उनके होटल में बुकिंग में 50 प्रतिशत की गिरावट आई है। उच्च वर्ग के पर्यटक पहले की तुलना में कम आ रहे हैं, जिससे व्यवसाय पर खासा प्रभाव पड़ा है।
हाईवे बंद, श्रद्धालुओं की संख्या में गिरावट
बरसात के कारण जगह-जगह हाईवे अवरुद्ध हो गए हैं, जिससे यात्रा मार्ग बाधित हो रहा है। बृहस्पतिवार को इस सीजन का सबसे कम ट्रैवल रिकॉर्ड किया गया—बदरीनाथ में केवल 1794 और हेमकुंड साहिब में महज 534 श्रद्धालु पहुंचे। अब तक बदरीनाथ धाम में कुल 11,45,510 और हेमकुंड साहिब में 2,09073 श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। चारधाम यात्रा पर मानसून का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। न केवल श्रद्धालुओं की संख्या में गिरावट आई है, बल्कि इसके आर्थिक प्रभाव भी स्थानीय कारोबार और पर्यटन से जुड़े लोगों पर गहराई से पड़ रहे हैं। प्रशासन को आवश्यकता है कि वह मौसम संबंधी पूर्वानुमानों और सुरक्षा उपायों के साथ-साथ पंजीकरण प्रक्रिया को और अधिक सुगम बनाकर श्रद्धालुओं को राहत प्रदान करे, ताकि यह पवित्र यात्रा सुरक्षित और व्यवस्थित ढंग से जारी रह सके।
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