
असम और पूरे देश में शुक्रवार को मशहूर असमिया गायक जुबिन गर्ग के असामयिक निधन की खबर ने शोक की लहर दौड़ा दी। 52 वर्षीय जुबिन गर्ग, जिन्होंने 2006 में आई बॉलीवुड फिल्म गैंगस्टर के गीत “या अली” से राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की, सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग करते समय एक दुखद हादसे में जीवन खो बैठे। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बताया कि जुबिन गर्ग के शव का पोस्टमार्टम शनिवार को सिंगापुर में पूरा हो गया।
उनके साथ गए टीम के सदस्यों – शेखर ज्योति गोस्वामी, संदीपन गर्ग और सिद्धार्थ शर्मा (प्रबंधक) – को भारतीय दूतावास की मौजूदगी में पार्थिव शरीर सौंपा गया। मुख्यमंत्री ने कहा, “हम सभी के चहेते जुबिन गर्ग के शव का पोस्टमार्टम सिंगापुर में पूरा हो गया। उनका पार्थिव शरीर वहां उनके साथ गई टीम को सौंपा जा रहा है।” मुख्यमंत्री शर्मा ने घटना की विस्तृत जानकारी साझा करते हुए कहा कि जुबिन गर्ग स्कूबा डाइविंग के दौरान लाइफ जैकेट पहने हुए थे, लेकिन कुछ ही सेकंड बाद उन्होंने इसे उतार दिया। उनका कहना था कि जैकेट बहुत बड़ी है और पहनकर तैरने में परेशानी हो रही थी।
शर्मा ने बताया कि जुबिन गर्ग सहित कुल 18 लोग नौका यात्रा और तैराकी के लिए गए थे। इस दौरान लाइफगार्ड ने सभी को लाइफ जैकेट पहनने की चेतावनी दी थी। लेकिन जुबिन ने इसे न पहनने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “गर्ग को समुद्र में बेसुध तैरता पाया गया। तुरंत सीपीआर देकर उन्हें सिंगापुर जनरल अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। सिंगापुर के अधिकारी उन लोगों से पूछताछ कर रहे हैं, जो गर्ग के साथ थे।”
दुर्घटना के समय मौजूद लोग
घटना के समय जुबिन गर्ग के साथ कुल 11 लोग मौजूद थे। इनमें अभिमन्यु तलुकदार भी शामिल थे, जो सिंगापुर में रहने वाले असमिया समुदाय से हैं और नौका का प्रबंध किया था। इसके अलावा गायक की टीम के चार सदस्य और चालक दल के दो सदस्य भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दुखद घटना ने न केवल असमिया समुदाय बल्कि पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। जुबिन गर्ग के संगीत और योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
जुबिन गर्ग के निधन पर असम और भारतभर में शोक की लहर दौड़ गई। उनके प्रशंसक सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दे रहे हैं और उनके योगदान को याद कर भावुक हो रहे हैं। मुख्यमंत्री शर्मा ने भी गायक के परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। जुबिन गर्ग का निधन स्कूबा डाइविंग के दौरान हुए सुरक्षा नियमों की अनदेखी का परिणाम था। उन्होंने लाइफ जैकेट न पहनने का निर्णय लिया, जिससे यह दुखद घटना हुई। उनके जाने से न केवल असमिया संगीत जगत बल्कि पूरे देश का संगीत प्रेमियों का दिल टूट गया है। उनके गाए गीत हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेंगे।