
अल्मोड़ा : ग्रामीणों ने कहा- साहब हमें नहीं चाहिए बिजली, लाइन काट दो… हाल ही में क्षेत्र के लोगों ने बोरबलड़ा में बिजली के पोल लगाने में अनियमितता का मामला उठाया था। करीब 10 पोल धरातल पर लगे हुए नहीं मिले थे।
[/box]अल्मोड़ा। साहब हमें बिजली नहीं चाहिए, हमारी लाइन काट दो… यह कहना है लमगड़ा के रालाकोट गांव के ग्रामीणों का। ग्रामीणों के इस दर्द के पीछे यूपीसीएल की लापरवाही सामने आई है। ग्रामीणों के घरों तक बिजली पहुंचाने वाला ट्रांसफार्मर एक साल बाद भी नहीं बदला जा सका है। गांव में लगे मोबाइल टावर के ट्रांसफार्मर से बिजली लाइन जोड़ी गई तो लोड बढ़ते ही कभी हाई तो कभी लो-वोल्टेज से बिजली के उपकरण फुंक गए जिससे 50 से अधिक परिवारों को काफी नुकसान झेलना पड़ा है।
परेशान होकर अब ग्रामीणों ने यूपीसीएल से घरों की बिजली लाइन काटने की गुहार लगानी शुरू कर दी है। एक साल पूर्व रालाकोट गांव के 50 से अधिक घरों को रोशन करने वाला 16 केवीए का ट्रांसफार्मर फुंक गया था जिसे अब तक नहीं बदला गया। तब यूपीसीएल ने गांव में स्थापित मोबाइल टावर में लगे ट्रांसफार्मर से बिजली लाइन जोड़कर औपचारिकता निभा दी। कुछ समय तक सबकुछ ठीक चला लेकिन ट्रांसफार्मर में लोड बढ़ते ही कभी हाई तो कभी लो वोल्टेज से आए दिन बिजली उपकरण फुंकने लगे।
ग्रामीणों के मुताबिक अब तक वॉशिंग मशीन, टीवी, फ्रिज सहित 20 से अधिक उपकरण फुंक गए हैं जिसका सिलसिला अब भी जारी है। ऐसे में ग्रामीणों को यूपीसीएल से बिजली लाइन काटने की गुहार लगानी पड़ी है। ग्रामीणों का कहना है कि न तो वे घरों को रोशन कर पा रहे हैं और ना ही उपकरणों का प्रयोग। इससे नुकसान हो रहा है सो अलग। ऐसे में या तो नया ट्रांसफार्मर लगना चाहिए अन्यथा उनके घरों का बिजली कनेक्शन ही काट दिया जाए। अभी हालात ऐसे हैं कि बगैर बिजली के उपयोग के ही उन्हें बिल चुकाना पड़ रहा है।
स्थानीय निवासी कांग्रेस के जिला महामंत्री दिवान सतवाल ने बताया कि कई बार यूपीसीएल से ट्रांसफार्मर लगाने की मांग की गई लेकिन लंबे समय बाद भी इस पर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है जिसकी मार ग्रामीणों को सहनी पड़ रही है।
[box type=”warning” align=”alignleft” class=”” width=”100%”]ग्रामीणों के मुताबिक हाई और लो वोल्टेज से बल्ब भी फुंक रहे हैं। ऐसे में उन्होंने बिजली का उपयोग बंद करना पड़ा है। इन हालातों में वे घरों को मोमबत्ती से रोशन कर रहे हैं। बच्चे भी मोमबत्ती की रोशनी में ही पढ़ने को मजबूर हैं। एक साल बाद भी ट्रांसफार्मर नहीं बदला गया है। मोबाइल टावर के ट्रांसफार्मर से बिजली जोड़ने से कई उपकरण फुंक गए हैं। इससे तो अच्छा है कि हमारे घरों की बिजली काट दी जाए।
– दिवान सिंह रावत, रालाकोट
हमने डर के कारण घरों की बिजली जलाना ही छोड़ दिया है। बस बिल दिए जा रहे हैं। बच्चे भी मोमबत्ती के सहारे पढ़ रहे हैं। हमारी परेशानी देखने वाला कोई नहीं है।
– तारा देवी, रालाकोट
यूपीसीएल के पास 16 केवीए क्षमता का ट्रांसफार्मर उपलब्ध नहीं है जिसका प्रस्ताव भेजा गया है। उपलब्ध होते ही रालाकोट में नया ट्रांसफार्मर लगाया जाएगा।
– कन्हैया जी मिश्रा, ईई, यूपीसीएल, अल्मोड़ा
अनियमितता को लेकर विधायक सख्त
बागेश्वर। बागेश्वर के बोरबलड़ा में बिजली के पोल लगाने में अनियमितता को लेकर विधायक सुरेश गढि़या ने सख्त रुख आख्तियार किया है। विधायक ने डीएम अनुराधा पाल से जांच कराने को कहा। कपकोट के वाछम में 17 साल बाद भी बिजली परियोजना न बनने पर विधायक ने नाराजगी जताई। विधायक का कहना है कि बिजली उपलब्ध कराने में हो रही लापरवाही सहन नहीं की जाएगी। जरूरत पड़ी तो उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन कराया जाएगा।
कपकोट के बोरबलड़ा में लघु जल विद्युत परियोजना का संचालन अक्षय ऊर्जा अभिकरण (उरेडा) करता है। हाल ही में क्षेत्र के लोगों ने बोरबलड़ा में बिजली के पोल लगाने में अनियमितता का मामला उठाया था। करीब 10 पोल धरातल पर लगे हुए नहीं मिले थे। जांच में भी बिजली के पोल न लगाने की पुष्टि होने की बात सामने आई थी लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई।
विधायक सुरेश गढि़या ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए कहा है कि इस तरह की अनियमितता कतई सहन नहीं की जाएगी। उन्होंने बृहस्पतिवार को बातचीत में कहा कि सरकारी धन का दुरुपयोग करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों को कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि प्रकरण की विस्तृत जांच करने के लिए डीएम से कहा गया है। इस मामले में जिस स्तर पर भी लापरवाही हुई होगी। जिम्मेदारी तय की जाएगी और संबंधित के खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी।
विधायक ने कपकोट के वाछम में वर्ष 2006 से बन रही बिजली परियोजना का काम पूरा न होने को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि इस मामले की जांच कराई जाएगी। जल्द से जल्द परियोजना का काम पूरा कराया जाएगा। परियोजना को उरेडा बना रहा है। वर्ष 2006 में 500 किलोवाट की परियोजना स्वीकृत की गई थी। वर्ष 2013 के जलप्रलय में निर्माणाधीन परियोजना को नुकसान पहुंचा था। परियोजना से स्रोत में पानी कम हो गया था। इसके बाद परियोजना को 250 किलोवाट कर दिया गया था। लेटलतीफी के इस मामले पर बीते 26 अप्रैल को परियोजना तो नहीं बनी पर गांव हो गया रोशन शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी।
विधायक सुरेश गढि़या ने यूपीसीएल के प्रभारी अधिशासी अभियंता मोहम्मद अफजाल के अधिकांश समय हल्द्वानी में रहने पर कड़ी नाराजगी जताई है। हल्द्वानी के ईई अफजाल के पास बागेश्वर का प्रभार है। विधायक ने बताया है कि उन्होंने इस मामले को यूपीसीएल के एमडी के सामने उठाया है। ईई को अधिकांश समय बागेश्वर में बने रहने के लिए आदेशित करने को कहा है। उन्होंने कहा कि बागेश्वर सीमांत जिला होने के साथ ही हिमालयी क्षेत्र से सटा हुआ जिला है। आपदा के साथ ही मौसम खराब रहने पर भी बिजली व्यवस्था में व्यवधान आता है। ईई को बेहद जरूरी काम होने पर ही हल्द्वानी जाने के लिए निर्देशित किया गया है। इसकी निगरानी की जाएगी।
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