
सुनील कुमार माथुर
समय बड़ा ही बलवान है। गया समय कभी भी वापस नहीं आता है, इसलिए समय के एक-एक पल का सदुपयोग कीजिए। जो व्यक्ति समय की कद्र करता है, समय उसकी कद्र करता है। अतः जीवन में अपने सपनों को समय पर पूरा करना है, निर्धारित लक्ष्य को हासिल करना है तो आज से और अभी से समय की कद्र करना आरम्भ कर दीजिए और हर पल का सदुपयोग कीजिए ताकि बाद में पछताना न पड़े।
आज का दौर प्रतिस्पर्धा का दौर है और हर कोई एक दूसरे से आगे निकलने में लगा है। बेरोजगारी चरम सीमा पर है। हम देख रहे हैं कि प्रतियोगी परीक्षाओं में सैकड़ों पदों के लिए लाखों विद्यार्थी आवेदन करते हैं। साल भर कड़ी मेहनत और कोचिंग करते हैं। रात-दिन पढ़ाई के अलावा उन्हें कुछ भी दिखाई नहीं देता है। फिर भी परीक्षा के दूसरे दिन समाचार पत्रों में यही पढ़ने को मिलता है कि अमुक-अमुक केंद्रों पर विद्यार्थी समय पर नहीं पहुंचे। वे परीक्षा के लिए केंद्र अधीक्षक व शिक्षकों के समक्ष मिन्नतें करते रहे, गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन उन्होंने परीक्षार्थियों की एक न सुनी और वे परीक्षा देने से वंचित रह गए। देरी के अनेक कारण बताए जाते हैं।
समझ में नहीं आता कि जो परीक्षार्थी साल भर परीक्षा देने हेतु कड़ी मेहनत करता है, वह समय की अनदेखी कैसे कर रहा है। वह सभी नियमों को जानता है, फिर भी देरी क्यों? जो विद्यार्थी परीक्षा देने विलम्ब से पहुंचता है, जिसे समय का ज्ञान नहीं, ध्यान नहीं है, उनके लिए सामान्य भाषा में कहा जाता है कि वह उस पद के लायक ही नहीं है जिस पद के लिए वह परीक्षा देने आया है।
अगर परीक्षार्थी समाचार पत्रों में प्रकाशित देरी के कारणों को ध्यान में रखते हुए और नयी जगह व अनजान रास्तों को ध्यान में रखते हुए एक दिन पहले परीक्षा केंद्र को देख लें और फिर परीक्षा के दिन निर्धारित समय से करीबन एक घंटा पहले परीक्षा केंद्र पहुंच जाएँ, तो वह कभी भी परीक्षा से वंचित नहीं रहेगा और शांति पूर्वक परीक्षा देकर अपनी तैयारी के अनुसार अंक आसानी से प्राप्त कर सकता है और अपनी कड़ी मेहनत का लाभ प्राप्त कर सकता है।
जहाँ समय का सदुपयोग होता है, वहां सफलता अवश्य ही चरण चूमती है। बस समय का सदुपयोग करते रहिए और आगे बढ़ते रहिए। यहीं वक्त की पुकार है।
सुनील कुमार माथुर
सदस्य अणुव्रत लेखक मंच, (स्वतंत्र लेखक व पत्रकार), 39/4 पी डब्ल्यू डी कालोनी, जोधपुर, राजस्थान
Nice article