
नई दिल्ली | दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने राजधानी के बुराड़ी इलाके में चल रही एक बड़ी नकली उत्पाद निर्माण फैक्टरी का पर्दाफाश किया है। यह फैक्टरी प्रसिद्ध ब्रांड ‘क्लोजअप’ के नाम से नकली टूथपेस्ट बनाकर बाजार में सप्लाई कर रही थी। पुलिस की कार्रवाई में लाखों रुपये मूल्य के नकली उत्पाद, पैकिंग सामग्री, रासायनिक पदार्थ और उपकरण बरामद किए गए हैं। क्राइम ब्रांच को कई दिनों से सूचना मिल रही थी कि बुराड़ी के एक गोदामनुमा मकान में उपभोक्ता उत्पादों की अवैध पैकिंग का काम हो रहा है।
जब पुलिस ने छापा मारा, तो अंदर की तस्वीर चौंकाने वाली थी। कमरों में टूथपेस्ट ट्यूब भरने की मशीनें लगी थीं, दीवारों पर प्रसिद्ध ब्रांडों के स्टिकर और पैकिंग रैपर लगे थे, और चारों ओर रासायनिक गंध फैली थी। प्राथमिक जांच में पता चला कि यह गिरोह महीनों से नकली टूथपेस्ट तैयार कर दिल्ली-एनसीआर के स्थानीय बाजारों और ग्रामीण इलाकों में सप्लाई कर रहा था।
दो आरोपी गिरफ्तार, लाखों का माल बरामद
पुलिस ने मौके से दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है जिनकी पहचान राजू वर्मा और इमरान खान के रूप में हुई है। ये दोनों दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में नकली सामान की सप्लाई करते थे। छापे के दौरान पुलिस ने लगभग 10,000 से अधिक नकली टूथपेस्ट ट्यूब, सैकड़ों खाली डिब्बे, ब्रांडेड लेबल, सील मशीनें, और कच्चा माल जब्त किया। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि यह गिरोह केवल टूथपेस्ट ही नहीं, बल्कि साबुन, शैम्पू और डिटर्जेंट जैसे अन्य उत्पादों की नकली पैकिंग की भी योजना बना रहा था।
जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी खुले बाजार से सस्ते केमिकल खरीदते थे और फिर अपने तैयार किए गए टूथपेस्ट को ‘क्लोजअप’ जैसे मशहूर ब्रांड के नाम से पैक कर देते थे। पैकिंग इतनी सटीक की जाती थी कि आम उपभोक्ता के लिए असली और नकली में फर्क कर पाना मुश्किल था। इसके बाद ये सामान स्थानीय किराना दुकानों, हाट बाजारों और छोटे कस्बों के वितरकों को थोक में बेचा जाता था।
उपभोक्ता स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़
विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के नकली टूथपेस्ट में इस्तेमाल होने वाले केमिकल दांतों और मसूड़ों के लिए बेहद हानिकारक हो सकते हैं। इनमें प्रयुक्त निम्न गुणवत्ता वाले पदार्थों से मुंह में संक्रमण, छाले और अन्य गंभीर समस्याएँ हो सकती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि सस्ते या अनजान स्रोत से खरीदे गए उत्पाद उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकते हैं। यह रैकेट न केवल उपभोक्ताओं को ठग रहा था बल्कि असली कंपनियों की साख और बाजार हिस्सेदारी पर भी चोट पहुंचा रहा था। यूनिलीवर जैसी कंपनियों के लिए यह केवल आर्थिक नुकसान का मामला नहीं, बल्कि ब्रांड की विश्वसनीयता पर सीधा हमला है। कंपनियों ने पुलिस से आग्रह किया है कि इस तरह के अवैध नेटवर्क के खिलाफ लगातार अभियान चलाए जाएं।
पुलिस का बयान
अपराध शाखा के संयुक्त पुलिस आयुक्त ने बताया कि —
“यह गिरोह संगठित तरीके से काम कर रहा था। इनके पास से मिले उपकरण और पैकिंग सामग्री से साफ है कि यह कोई छोटा नेटवर्क नहीं था। हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इनके सप्लायर और खरीदार कौन हैं।”
बाजार में नकली उत्पादों की बढ़ती चुनौती
दिल्ली-एनसीआर में पिछले कुछ वर्षों में नकली उपभोक्ता वस्तुओं का कारोबार तेजी से बढ़ा है। पुलिस और कंपनियों के बीच समन्वय की कमी के कारण कई बार ऐसे गिरोह वर्षों तक सक्रिय रहते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और थोक बाजारों के ज़रिए नकली उत्पादों का वितरण और भी आसान हो गया है। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि उपभोक्ता सुरक्षा के लिए कानून कितने प्रभावी हैं। उपभोक्ता मंत्रालय और एफएसएसएआई (FSSAI) को इस दिशा में कड़ी निगरानी और तेज़ कार्रवाई की जरूरत है ताकि इस तरह के उत्पाद जनता तक न पहुंच सकें। साथ ही, उपभोक्ताओं को भी सलाह दी जा रही है कि वे केवल प्रमाणित दुकानों से ही उत्पाद खरीदें और संदिग्ध पैकिंग या सस्ते दाम वाले सामान से सावधान रहें।
#WATCH दिल्ली | दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने बुराड़ी इलाके में नकली उपभोक्ता सामान बनाने और वितरित करने वाले एक रैकेट का भंडाफोड़ किया। pic.twitter.com/cqeGuNe6PU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 15, 2025