
चमोली – उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश और मौसम विभाग की आगामी 15 अगस्त तक भारी बारिश की चेतावनी के बीच चमोली जिला प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाते हुए विश्व धरोहर स्थल फूलों की घाटी को सोमवार को पर्यटकों के लिए पूरी तरह बंद कर दिया। इसके साथ ही प्रसिद्ध हेमकुंड साहिब की यात्रा भी घांघरिया में रोक दी गई है, जहां 200 से अधिक श्रद्धालु फिलहाल ठहरे हुए हैं। मौसम विभाग ने राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश, भूस्खलन और सड़क बाधित होने की आशंका जताई है।
इसके मद्देनजर प्रशासन ने सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सभी ट्रैकिंग रूटों पर आवाजाही को 15 अगस्त तक निलंबित कर दिया है। चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी जिलों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। चमोली जिला प्रशासन के मुताबिक, फूलों की घाटी जाने वाले सभी ट्रेकर्स को अग्रिम सूचना दे दी गई थी कि मौसम की परिस्थितियों के कारण घाटी बंद रहेगी। वहीं, घांघरिया से आगे हेमकुंड साहिब की ओर बढ़ रहे तीर्थयात्रियों को रोककर सुरक्षित स्थानों पर ठहरने की व्यवस्था की गई है।
घांघरिया में रुके श्रद्धालु
घांघरिया चौकी प्रभारी अमनदीप ने बताया कि “यहां 200 से अधिक श्रद्धालु मौजूद हैं, जिन्हें मौसम सुधरने तक आगे जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सभी के ठहरने और भोजन की उचित व्यवस्था की गई है। पुलिस, वन विभाग और आपदा प्रबंधन की टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं।” फूलों की घाटी और हेमकुंड साहिब यात्रा दोनों ही जुलाई-अगस्त में अपने चरम पर होती हैं। यहां प्रतिदिन सैकड़ों पर्यटक और श्रद्धालु पहुंचते हैं, जिससे स्थानीय होटल, गेस्टहाउस और दुकानदारों की आमदनी होती है। यात्रा स्थगित होने से स्थानीय व्यवसाय पर असर पड़ना तय है। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि पर्यटकों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है।
फूलों की घाटी — विश्व धरोहर स्थल
युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित फूलों की घाटी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और दुर्लभ फूलों की प्रजातियों के लिए जानी जाती है। जुलाई से सितंबर के बीच यह घाटी रंग-बिरंगे फूलों की चादर से ढक जाती है और दुनियाभर के ट्रेकर्स के लिए आकर्षण का केंद्र होती है। चमोली प्रशासन ने पर्यटकों और तीर्थयात्रियों से अपील की है कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें, अनावश्यक यात्रा से बचें और स्थिति सामान्य होने के बाद ही अपनी योजना बनाएं।
साथ ही, स्थानीय निवासियों को भी सतर्क रहने और नदी-नालों के किनारे जाने से परहेज करने की सलाह दी गई है। बारिश का दौर जारी रहने से आने वाले दिनों में यात्रा बहाल होगी या नहीं, इस पर स्थिति पूरी तरह मौसम के रुख पर निर्भर करेगी। फिलहाल, प्रशासन ने साफ कर दिया है कि सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।