
गोपेश्वर (चमोली)। उत्तराखंड के चमोली जिले के ज्योतिर्मठ ब्लॉक स्थित सलूड़-डुंगरा गांव में बुधवार को एक दर्दनाक घटना हुई जब घास लेने जा रही दो महिलाओं पर जंगली भालू ने हमला कर दिया। हमले में एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई, जबकि दूसरी महिला को भालू ने खेत में धक्का मारकर गिरा दिया। यह घटना सुबह लगभग 10 बजे की है जब भगवती देवी (57 वर्ष) पत्नी भरत सिंह और बूंदा देवी (40 वर्ष) पत्नी दिगंबर सिंह पंवार गांव से लगभग एक किलोमीटर दूर कुराला तोक की ओर खेतों में घास लेने जा रही थीं। तभी अचानक झाड़ियों में घात लगाए बैठे भालू ने भगवती देवी पर पीछे से हमला कर दिया। हमले में भगवती देवी को लगभग 20 मीटर नीचे खेत में धक्का मार दिया गया।
इसके बाद भालू ने बूंदा देवी की ओर हमला किया, लेकिन उनकी तेज़ चीख-पुकार से डरकर भालू जंगल की ओर भाग गया। घायल अवस्था में बूंदा देवी भगवती देवी के पास पहुँची और दोनों जैसे-तैसे मदद के लिए गांव तक पैदल पहुँचीं। वहां से परिजनों ने उन्हें तुरंत नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), ज्योतिर्मठ पहुँचाया। डॉक्टरों के अनुसार, भगवती देवी के कमर और पैरों में भालू के नाखूनों के गहरे घाव हैं जबकि बूंदा देवी के सिर, हाथ और पैरों में गंभीर चोटें हैं। प्राथमिक उपचार के बाद बूंदा देवी की हालत गंभीर होने पर उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया। भगवती देवी को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है।
वन विभाग और प्रशासन से नाराजगी
ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में वन्यजीवों की गतिविधि लगातार बढ़ती जा रही है लेकिन वन विभाग की ओर से पर्याप्त सतर्कता नहीं बरती जा रही। ग्रामीण सुभाष सिंह और दिगंबर सिंह ने मांग की है कि पीड़ित परिवारों को शीघ्र मुआवजा दिया जाए और वन विभाग की गश्त बढ़ाई जाए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके। इस हमले के बाद गांव में दहशत का माहौल है। लोगों का कहना है कि खेतों और जंगलों में भालुओं की बढ़ती आवाजाही के कारण महिलाओं का अकेले बाहर जाना अब जोखिम भरा हो गया है। अब ग्रामीणों को उम्मीद है कि जिला प्रशासन और वन विभाग मिलकर इस घटना की गंभीरता को समझेगा और सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।
संभावित सुधारात्मक कदम:
- क्षेत्र में वन विभाग की नियमित गश्त शुरू की जाए
- घास और लकड़ी लेने जा रहे ग्रामीणों को चेतावनी और सुरक्षा प्रशिक्षण दिया जाए
- वन्यजीवों की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे या साउंड अलार्म लगाए जाएं
- ग्रामीण क्षेत्रों में वन्यजीव मानव संघर्ष के मामलों पर शीघ्र मुआवजा प्रणाली लागू हो