
राजस्थान का सुंदर शहर “बीकानेर”, इस किले के कुछ कक्षों की दीवारों को राजस्थानी शैली के भित्तिचित्रों से अलंकृत किया गया है और किले की दीवारों पर भी सुंदर नक्काशी की…
राजीव कुमार झा
दिल्ली से बीकानेर जाने वाली ज्यादातर रेलगाड़ियां सराय रुहिल्ला से चलती हैं और हावड़ा से यहां आने वाली रेलगाड़ियां आगरा भरतपुर के रास्ते जयपुर से होकर यहां आती हैं. बीकानेर काफी सुंदर और साफ सुथरा शहर है . यहां का जूनागढ़ किला काफी पुराना और विशाल है.इसके निर्माण में कई सालों का समय लगा और बीकानेर के अनेकानेक राजाओं ने इसके निर्माण में अपनी भूमिका निभाई.
इस किले के कुछ कक्षों की दीवारों को राजस्थानी शैली के भित्तिचित्रों से अलंकृत किया गया है और किले की दीवारों पर भी सुंदर नक्काशी की हुई है . इसे देखने के लिए यहां काफी पर्यटक आते हैं. स्वतंत्रता प्राप्ति से पहले बीकानेर ब्रिटिश सरकार के अधीन एक स्वतंत्र रियासत था और आजादी के बाद भारतीय संघ में राजस्थान के नाम से नवगठित राज्य में इसका विलय हो गया.
राजस्थान के शहरों में बीकानेर का नाम महत्वपूर्ण है . यहां की दालमोठ , भुजिया और पापड़ की फैक्ट्रियां देश विदेश में प्रसिद्ध हैं और इन नमकीन पैकेटबंद खाद्य उत्पादों की मशहूर कंपनी हल्दीराम भुजियावाला बीकानेर की ही फैक्ट्री है. बीकानेर के राजा गंगा सिंह का नाम आज भी बीकानेर के लोग गर्व से लिया करते हैं . उन्होंने इस शहर में आधुनिक विकास कार्यों की शुरुआत की और शहर को व्यवस्थित रूप से बसाया.
बीकानेर का शिवबाड़ी मंदिर काफी सुंदर है. यहां से थोड़ी दूरी पर करणी माता का मंदिर है . मीराबाई का नगर मेड़ता भी बीकानेर के पास ही है. बीकानेर के किले के पास एक सुंदर विशाल झील स्थित है. इसमें पर्यटक नौकायन करते हैं. बीकानेर शिक्षा संस्कृति की दृष्टि से समृद्ध और नगर है और यहां सरकार के द्वारा गंगा सिंह विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी है . यहां का डूंगर कालेज स्नातकोत्तर शिक्षा का केंद्र है.
बीकानेर की मिठाई और आभूषण की दुकानें भी प्रसिद्ध हैं. बीकानेर में सामान वगैरह ढोने में ऊंटगाड़ी का भी प्रयोग किया जाता है और गर्मी के मौसम में यहां स्वादिष्ट कुल्फियां भी खूब बिकती हैं.
¤ प्रकाशन परिचय ¤
![]() | From »राजीव कुमार झाकवि एवं लेखकAddress »इंदुपुर, पोस्ट बड़हिया, जिला लखीसराय (बिहार) | Mob : 6206756085Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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