
शाहजहांपुर/पीलीभीत। शाहजहांपुर और पीलीभीत जिले के सैकड़ों पशुपालकों को दूध कलेक्शन सेंटर खोलने का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी करने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अनुमान है कि इन दोनों ने 400 से 500 लोगों से 80 लाख से एक करोड़ रुपये तक की ठगी की है।
खुटार क्षेत्र के गांव कुइयां निवासी सुमित त्रिवेदी ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि निगोही के गांव सफौरा निवासी मोहित ठाकुर ने उन्हें और तमाम लोगों को डेयरी कलेक्शन सेंटर खुलवाने का लालच दिया। इसके लिए हर पशुपालक से 20-20 हजार रुपये जमानत राशि के तौर पर जमा कराए गए। लेकिन समय बीतने के बाद न तो सेंटर खुला और न ही रकम वापस मिली। जब पीड़ितों ने मोहित से संपर्क करना चाहा तो उसका मोबाइल बंद मिला।
लोग जब पूरनपुर स्थित कार्यालय पहुंचे तो पता चला कि मोहित वहां से दफ्तर और किराये का मकान खाली करके फरार हो गया है। इसके बाद पूरे मामले की शिकायत दर्ज की गई। अनुमान लगाया गया कि खुटार, पूरनपुर और पीलीभीत के सेहरामऊ उत्तरी क्षेत्र से ही करीब 400 से अधिक लोगों से ठगी की गई।
पुलिस ने दबोचा
सीओ प्रवीण मलिक ने बताया कि खुटार पुलिस और क्राइम ब्रांच मिलकर जांच कर रही थी। शनिवार रात को पुलिस ने मोहित और उसके साथी श्याम सिंह को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपियों ने ठगी की बात कबूल की। उन्होंने बताया कि जून में उन्होंने पशुपालकों को कलेक्शन सेंटर खोलने का प्रलोभन दिया, नकली एग्रीमेंट बनवाए और यहां तक कि दूध जांचने की मशीन के नाम पर भी रुपये वसूले। लोगों का विश्वास जीतने के लिए पूरनपुर में एक ऑफिस भी खोला गया। जब अच्छी-खासी रकम इकट्ठा हो गई तो दोनों भाग निकले।
पुलिस ने दोनों की निशानदेही पर दो गत्ते के डिब्बों में मशीन के कवर, दो दूध खरीद रजिस्टर, दो स्टील की डोलची, प्लास्टिक की शीशियां, दूध की मशीन साफ करने के प्लंजर और चार फर्जी एग्रीमेंट बरामद किए। आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है।
बैंक खाते के जरिए रकम की हेराफेरी
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आरोपियों ने निगोही के ही गांव धुलिया निवासी अपने परिचित बेबी सिंह को कर्ज दिलाने का झांसा देकर बैंक में खाता खुलवाया। खाते से जुड़ा मोबाइल नंबर मोहित अपने पास रखता था ताकि यूपीआई और जनसेवा केंद्रों से निकासी कर सके। इसी खाते में कई लोगों से ठगी की रकम जमा कराई जाती थी।
आरोपी मोहित ने ठगी को और पुख्ता करने के लिए एक फर्जी आधार कार्ड भी बनवाया था। उसने अपना नाम लकी ठाकुर निवासी एकतानगर बीसलपुर बताया और वही आधार कार्ड पीड़ितों को दिखाता। यहां तक कि कुछ लोगों को दूध जांच मशीन के नाम पर खाली डिब्बे तक थमा दिए।
आगे की जांच
फिलहाल आरोपी 25-30 लोगों से ठगी की बात मान रहे हैं, लेकिन पुलिस का अनुमान है कि शिकारों की संख्या 500 तक पहुंच सकती है। पूरनपुर और सेहरामऊ उत्तरी पुलिस आरोपियों को रिमांड पर लेकर आगे की पूछताछ करेगी ताकि ठगी के पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके।