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देहरादून में पढ़ रहे सीमाओं को तोड़कर सीख रहे हैं क, ख, ग…

देहरादून में पढ़ रहे सीमाओं को तोड़कर सीख रहे हैं क, ख, ग… इतना ही नहीं वह भारतीय छात्रों के साथ हिंदी में ही बात करने लगे हैं। अयूबा, ताऊनो, क्लार्क, एडविन, विंस्टन और डिस्मास ने बताया कि विवि में आने के बाद उन्होंने अपने दोस्तों के साथ हिंदी सीखी। अब वह हिंदी के बहुत से वाक्य रोजाना बोलते हैं। 

देहरादून। मातृभाषा हिंदी विश्व की प्रमुख भाषाओं में शामिल है। अपने लंबे इतिहास में हिंदी ने कई विदेशी भाषा के शब्दों को अपने में ऐसे समेटा कि आज वह हिंदी की आम बोलचाल की भाषा में शामिल हो गए हैं। यही वजह है कि हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में कई ऐसे शब्दों का प्रयोग करते हैं, जो हिंदी के नहीं हैं।

इतना ही नहीं बीते कुछ वर्षों में हिंदी भाषा का इतना विस्तार हुआ है कि विदेशी लोग भी हिंदी बोलने लगे हैं। ऐसे ही विदेशों से उत्तराखंड पढ़ने आए छात्र हिंदी भाषा की सराहना करते हैं। दून के कई विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पढ़ रहे छात्र हिंदी बोलने लगे हैं। उत्तरांचल विश्वविद्यालय में केन्या, नाइजीरिया, लीबिया से आए विदेशी छात्रों ने कहा, नमस्ते, हिंदी भाषा हमको बहुत अच्छी लगती है।

इतना ही नहीं वह भारतीय छात्रों के साथ हिंदी में ही बात करने लगे हैं। अयूबा, ताऊनो, क्लार्क, एडविन, विंस्टन और डिस्मास ने बताया कि विवि में आने के बाद उन्होंने अपने दोस्तों के साथ हिंदी सीखी। अब वह हिंदी के बहुत से वाक्य रोजाना बोलते हैं। कहा कि हिंदी भाषा बोलकर भारतीय होने का भाव आता है। इसके अलावा लोग भी अपनापन दिखाकर बात करते हैं।
अपनी बात समझाने में होती है आसानी

विदेशी छात्रों ने कहा कि विवि में तो शिक्षकों और दोस्तों से अंग्रेजी भाषा में बात हो जाती है, लेकिन बाजार जाने और यात्रा करने में हिंदी भाषा बहुत फायदेमंद होती है। इसकी मदद से हम अपनी बात आसानी से आम आदमी को समझा पाते हैं और वह भी हंसते हुए हमारी बात मान लेते हैं।


देहरादून में पढ़ रहे सीमाओं को तोड़कर सीख रहे हैं क, ख, ग... इतना ही नहीं वह भारतीय छात्रों के साथ हिंदी में ही बात करने लगे हैं। अयूबा, ताऊनो, क्लार्क, एडविन, विंस्टन और डिस्मास ने बताया कि विवि में आने के बाद उन्होंने अपने दोस्तों के साथ हिंदी सीखी। अब वह हिंदी के बहुत से वाक्य रोजाना बोलते हैं। 

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