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चंद्रभागा नदी के कटाव से नेशनल हाईवे को खतरा

बैठक में सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। मुख्य सचिव ने इसके स्थायी समाधान के भी निर्देश दिए। उन्होंने स्थायी समाधान के तहत चंद्रभागा नदी पर बेलनाकार (गेबियन) दीवार बनाने का प्रयोग करते हुए रिवर ट्रेनिंग कार्य करने के निर्देश दिए।

देहरादून। ऋषिकेश में चंद्रभागा नदी के कटाव से राष्ट्रीय राजमार्ग को खतरा है। कटाव रोकने के लिए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने नदी पर चेनलाइजेशन की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) चेनलाइजेशन का कार्य करेगा। इसके लिए मुख्य सचिव ने आरवीएनएल, लोनिवि, सिंचाई और वन विभाग के अधिकारियों की एक संयुक्त टीम बनाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने साफ किया चंद्रभागा पर बने पुल की सुरक्षा के लिए संयुक्त टीम सर्वेक्षण करे। उन्होंने नदी के मार्ग के चेनलाइजेशन के साथ-साथ इस पर बने पुल की बुनियाद की सुरक्षा के भी उपाय करने पर जोर दिया। उन्होंने पुल का हाइड्रोलॉजिकल सर्वे आईआईटी रुड़की से कराने के निर्देश दिए। सचिवालय में हुई बैठक में आरवीएनएल के अधिकारियों ने जानकारी दी कि चंद्रभागा नदी में वर्षों से निरंतर सिल्ट (गाद, मलबा) आदि जमा हो रहा है।

इससे नदी के किनारे की ढलानों तथा एकमात्र अप्रोच रोड को नुकसान हो रहा है। साथ ही नदी में मलबा जमा होने से एनएच रोड ब्रिज को भी क्षति हो सकती है। इसके अलावा चंद्रभागा नदी के बाएं किनारे पर बसे गांव ढालवाला कॉलोनी में बाढ़ की संभावना बन जाती है। सड़क एवं आवासों की सुरक्षा के मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव ने तत्काल आरवीएनएल को अस्थायी व्यवस्था के रूप में चेनलाइजेशन की सहमति दी।

बैठक में सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। मुख्य सचिव ने इसके स्थायी समाधान के भी निर्देश दिए। उन्होंने स्थायी समाधान के तहत चंद्रभागा नदी पर बेलनाकार (गेबियन) दीवार बनाने का प्रयोग करते हुए रिवर ट्रेनिंग कार्य करने के निर्देश दिए। इससे चंद्रभागा नदी के बाएं तट पर बनी सड़क और आवासों को सुरक्षित किया जाएगा।


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