देहरादून ( उत्तराखंड ) : गुरु नानक कॉलेज में “मान्यता और रैंकिंग” पर एक IQAC कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया, जिसमें संस्थागत गुणवत्ता ढांचे को सुदृढ़ करने और राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग प्रणालियों के लिए तैयारी पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया। इस कार्यशाला का संचालन श्री सुनील कुमार मलिक ने किया।
कार्यशाला में विशेष अतिथि वक्ता के रूप में डॉ. गीतांजली राघव, सीनियर मैनेजर – IQAC, UPES और इंजीनियर ऋषि नटियाल, असिस्टेंट मैनेजर – IQAC, UPES ने अपने ज्ञान और अनुभव साझा किए। डॉ. गीतांजली ने निरंतर गुणवत्ता सुधार के महत्व पर चर्चा की और बताया कि नवाचार, वैश्विक सहयोग और शोध संवर्धन से संस्थान की प्रतिष्ठा कैसे बढ़ सकती है। वहीं, इंजीनियर ऋषि ने NAAC सुधार 2024 के बारे में बताया, जिसमें “लाइट बट टाइट” पद्धति की बात की गई है, जो प्रक्रियाओं को सरल बनाते हुए जवाबदेही और गुणवत्ता सुनिश्चित करेगी।
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कार्यशाला के दौरान कॉलेज के निदेशक डॉ. एस. दुरैवेल ने अतिथियों का स्वागत किया और बताया कि इस तरह के कार्यक्रम कॉलेज को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शिक्षा मानकों के साथ संरेखित करने में मदद करेंगे। कॉलेज के सीईओ श्री भूपिंदर सिंह ने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से हम संस्थान की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए एक मजबूत कदम उठा रहे हैं। सीओओ श्रीमती विनीत अरोड़ा ने कार्यशाला की उपयोगिता पर प्रकाश डाला, वहीं सीएसओ श्री सैथजीत सिंह ने इस कार्यक्रम को अत्यंत लाभकारी बताया। रजिस्ट्रार डॉ. ललित कुमार ने भी इस कार्यशाला की सफलता पर खुशी व्यक्त की और कहा कि इससे कॉलेज के शैक्षिक स्तर में निश्चित ही सुधार होगा।
इस कार्यशाला के आयोजन में गुरु नानक कॉलेज के IQAC डिप्टी डायरेक्टर श्री अंकुर जायसवाल का विशेष योगदान रहा। उन्होंने कार्यशाला की रूपरेखा तैयार करने, विशेषज्ञों से समन्वय स्थापित करने और कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि, “गुणवत्ता सुधार एक सतत प्रक्रिया है और यह कार्यशाला गुरु नानक कॉलेज को नए आयामों की ओर ले जाने में मील का पत्थर साबित होगी।” कार्यशाला के आयोजन में सुश्री सोनाक्षी शर्मा ने भी महत्वपूर्ण सहयोग दिया।
कार्यशाला में कॉलेज के सभी शिक्षकगण उपस्थित थे और उन्होंने इस अवसर पर विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। इस कार्यशाला ने सभी को बहुत कुछ नया सीखने और समझने का मौका दिया, जो कॉलेज के आने वाले मान्यता और रैंकिंग सुधारों में मददगार साबित होगा।
इस कार्यक्रम का समापन एक प्रश्नोत्तर सत्र के साथ हुआ, जिसमें सभी प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और संस्थान की शैक्षिक गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए सुझाव दिए। यह कार्यशाला गुरु नानक कॉलेज के सभी शिक्षकों के लिए एक प्रेरणा और मार्गदर्शन का स्रोत बनी।