पति की दीर्घायु के लिए महिलाओं ने मनाया धूमधाम से तीज व्रत
अर्जुन केशरी
गया बिहार। गया जिला के डोभी प्रखंड क्षेत्र में पति की लंबी उम्र को लेकर महिलाओं ने रखी तीज व्रत। इस व्रत को करने वाली सुहागिन महिलाएं 24 घंटे का अखंड उपवास रखती हैं। वही कुछ लोगों का मानना है कि कई वर्षों बाद इस वर्ष ग्रह – नक्षत्रों का कई शुभ संयोग भी पड़ रहे हैं। जो इस व्रत की महत्ता को और भी महत्वपूर्ण बना रहे हैं। वही जानकारों का मानना है कि इस दिन सिंह राशि का सूर्य और कन्या राशि का चंद्रमा का योग महिलाओं के लिए अखंड सौभाग्य प्राप्ति कराने वाला योग बन रहा है।
गुरुवार दिन, हस्त और चित्रा नक्षत्र का योग महिलाओं के लिए बेहद खास संयोग लेकर प्रकट हो रहा है। धर्मशास्त्रों के अनुसार ऐसे शुभ मुहूर्त में तीज व्रत की पूजा करने से कई शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस दिन शुक्ल नाम का योग रात्रि 12:58 बजे तक भोग कर रहा है। उसके बाद ब्रह्म योग शुरू हो रहा है। तीज पूजा के यह योग खास मायने रखता है। इस दिन महिलाएं बालु का शिवलिंग व पार्वती की प्रतिमा बनाकर पंचामृत, सुंगधित तेल, गुलाबजल, गंगा जल, इत्र, लवंग, इलाइची, पान पत्ता, नारियल, भष्म, चंदन, अबीर, पंचमेवा, बेलपत्र, नैवेद्य, धूप, दीप, शमी आदि पूजन सामग्रियों से विधिवत् पूजा करनी चाहिए।
पूजा में सिन्दूर, आलता, बिन्दिया व सुहाग की सभी सामग्री अवश्य चढ़ाना चाहिए। पूजा के बाद तीज व्रत का कथा का श्रवण करने का विधान है। इस रात भर के रात्रि जागरण किया जाता है। साथ ही धर्मशास्त्रियों का कहना है कि इस व्रत को करने वाली गर्भवती महिलाएं, वृद्ध व रोगियों पर निर्जला उपवास का मान नहीं होगा। उनके लिए 24 घंटे का अखंड उपवास करना बाध्यता या अनिवार्य नहीं है।
शास्त्र के अनुसार स्वस्थ व्यक्ति पर ही नियम लागू होता है। स्वस्थ महिलाओं को नववस्त्र पहनकर श्रृंगार के साथ पूजा-अर्चना करना चाहिए।
शिव पुराण के अनुसार राजा हिमालय की पुत्री पार्वती ने नारद के निर्देश पर मन ही मन शिव को पति मान लिया था। इधर पार्वती के पिता ने अपनी पुत्री का विवाह भगवान विष्णु के साथ तय किया था। इसकी जानकारी जब पार्वती को मिला तो इस घटना की जानकारी अपनी सखियों को दी फिर सखियां पार्वती को हर कर ले गई थी और एक निर्जन वन में छुपा दी थी। सखियों द्वारा पार्वती हर कर ले जाने की घटना के कारण ही इस व्रत का नाम हरितालिका तीज पड़ा।
पार्वती ने शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए इसी दिन तीज व्रत किया। उसके फलस्वरूप भगवान शिव, पार्वती को पति रूप में मिले। महादेव ने पार्वती से कहा कि आज से भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को जो भी सौभाग्यवती स्त्री तीज व्रत पर भगवान शिव की पूजा करेंगी व कथा का श्रवण करेंगी वह सदा सुहागन रहेंगी। तब से सुहागिन महिलाएं अपनी पति की दीर्घायु के लिए तीज व्रत करते आ रही है।