कन्या भ्रूण हत्या क्यों

सुनील कुमार

कन्या भ्रूण हत्या क्यों ? यह एक ऐसा विचारणीय प्रश्न है जो हम सभी को चिंतन के लिए विवश करता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि बेटी ही नारी रूप में सृष्टि की जन्मदाता है़। बेटी के बिना संसार की कल्पना ही नहीं की जा सकती।क्योंकि बेटी के बिना वंश बेल आगे बढ़ ही नही सकती। वंश वृद्धि के लिए हम सभी परिवार में बहू चाहते हैं तो बेटी क्यों नहीं ?

किसी के परिवार की बेटी ही तो दूसरे परिवार की बहू बनती है।फिर बेटी और बहू में यह अंतर क्यों ?आखिर क्यों बेटी पैदा होने पर परिवार में मातम छा जाता है? क्यों परिवार की खुशियों को ग्रहण लग जाता है? क्या बेटियों में बेटों के समान कार्यकुशलता या योग्यता नहीं होती?क्या बेटियां पढ़ लिखकर कुल का नाम रोशन नहीं कर सकती ?

आज हमें यह सोचना होगा समाज से बेटा और बेटी में अंतर खत्म करना होगा।जमाना बदल चुका है। आज बेटियां हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं। पहले लोग सामाजिक असुरक्षा और दहेज के डर से बेटियां नहीं चाहते थे। पर अब बेटियों की स्थिति पहले जैसी नहीं रही। आज बेटियां पढ़ लिखकर आत्मनिर्भर बन रही हैं।

आज बेटियां अपने हक और अधिकार के लिए स्वयं प्रयत्न कर रही हैं। तथा जीवन के हर क्षेत्र सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। यदि बेटियों को भी बेटों के समान उन्नति के समान अवसर सुलभ कराएं जाएं तो बेटियां वो सब कुछ हासिल कर सकती हैं जो बेटे करते हैं।

कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध को रोकने के लिए समाज के हर व्यक्ति अपने स्तर से पहल करना होगा।


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

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सुनील कुमार

लेखक एवं कवि

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ग्राम : फुटहा कुआं, निकट पुलिस लाइन, जिला : बहराइच, उत्तर प्रदेश | मो : 6388172360

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

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