धामी के सामने हैं कई चुनौतियां

ओम प्रकाश उनियाल

उत्तराखंड की बागडोर पुन: पुष्कर सिंह धामी के हाथों सौंप दी गयी है। अब इसके साथ-साथ उनकी चुनौतियां और जिम्मेदारियां अधिक बढ़ गयी हैं। बेशक, वे अपनी ही विधानसभा की जनता का भरोसा नहीं जीत पाए हों, इसके पीछे कई कारण भी हो सकते हैं। लेकिन संगठन ने उन पर विश्वास जताकर उनका हौसला व मान बढ़ाया है, तभी सारी जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर डाली है।

अब धामी को अधिक गंभीरता से काम करना होगा साथ ही फूंक-फूंक कर कदम बढ़ाना होगा। उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती दृष्टि-पत्र में किए गए वायदों की लंबी सूची है। उत्तराखंड के चहुंमुखी विकास का नारा उन्होंने दिया है उसे पूरा करना होगा। दूसरे, संगठन को पहले से ज्यादा मजबूत बनाने की जिम्मेदारी निभानी होगी।

मिशन 2024 को कामयाब बनाने के लिए एड़ी से चोटी तक का जोर लगाना होगा। अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करना होगा। यह भी तभी संभव होगा जब किसी प्रकार की भित्तरघात न हो, किसी प्रकार से टांग खिंचाई न हो। संगठन में एकजुटता बनाने की क्षमता उनमें है। एक युवा, जुझारु एवं कर्मठ छवि वाले धामी पर उत्तराखंड का जनमानस भी काफी उम्मीदें लगाए बैठा है।

यही कारण है कि मुख्यमंत्री बनने से पहले सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री के रूप में उत्तराखंडवासियों की हरीश रावत के बाद दूसरी पसंद पुष्कर सिंह धामी ही थे। पिछले अल्पावधि के कार्यकाल में उनकी ऊर्जावान कार्यशैली व कार्यक्षमता ने राज्यवासियों को काफी प्रभावित किया था। धामी के सामने चुनौतियां और जिम्मेदारियां निभाने की कड़ी परीक्षा है। देखना है वे कहां तक सफल हो पाएंगे?


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

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ओम प्रकाश उनियाल

लेखक एवं स्वतंत्र पत्रकार

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कारगी ग्रांट, देहरादून (उत्तराखण्ड)

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

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