मुखिया के 5 साल के कार्यकाल में नहीं दिखा विकास, ग्रामीण है परेशान

अर्जुन केशरी की रिपोर्ट

गया, मोहनपुर। राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत मिशन के तहत न जाने कितने रुपये शौचालय बनवाने के लिए खर्च किये होंगे, लेकिन शौचालय गांवों में नजर नही आता है। सरकार चाहे कितना भी प्रचार प्रसार करले, लेकिन जो धरातल पर सचाई कुछ और ही आज भी लोग खुले में शौच के लिए मजबूर है।

मामला गया जिला के मोहनपुर प्रखंड अंतर्गत सिंदुआर पंचायत के ग्राम पिपरषोत का जहां के लोग अभी भी मूलभूत सुबिधाओं से वंचित है। 21वीं सदी में भी आम जनता जर्जरनुमा मकान में कई परिवार गुजर बसर कर रहे हैं। जर्जर मकान कब गिर जाए पता नही साथ ही ग्रामीणों का कहना है कि हम लोग को न ही शौचालय, न ही नल-जल की सुविधा है। एक चापाकल एवं एक दूषित कुवां के सहारे लगभग 25 घर के लोग गुजारा करते हैं, दूषित पानी से संक्रमण का भी डर बना रहता है।

ग्रामीणों ने पंचायत के मुखिया उमेश पासवान पर रासन कार्ड बनवाने के नाम पर पैसा लेने का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि हम लोग एक रासन कार्ड बनाने के लिए 700 रु दिए है, लेकिन अभी तक रासन कार्ड बना ही नही, न ही हम लोग को कोई बुनियादी सुविधा मिली है।

उपरोक्त आरोप के संबंध में मुखिया उमेश पासवान ने बताया कि हमने किसी से कोई रासन कार्ड बनने के लिए पैसा नही लिया है और बात रही कि नल जल की तो वहां PHED के द्वारा काम करवाया जा रहा है ।

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