बहुमुखी प्रतिभा के धनी टैगोर

प्रेम बजाज

बहुमुखी प्रतिभा के धनी टैगोर, मानवतावादी के प्रचारक टैगोर,
शास्त्रीय संगीत से प्रभावित मानवीय भावनाओं के विभिन्न रंग जिसने दिखाए,

गुरूदेव की उपाधि जो पाए वो थे रविन्द्र नाथ टैगोर।
7 मई 1861 को पिता देवेन्द्र नाथ और माता शारदा देवी के घर कलकत्ता में बंगाली परिवार में जन्मे टैगोर,

श्री लंका, बंगलादेश और भारत के राष्ट्र-गान के रचयिता थे टैगोर,
साहित्य नोबेल पुरस्कार के विजेता बने टैगोर,

बांग्ला कवि, नाटककार, कहानीकार, चित्रकार, निबंधकार, गीतकार और संगीतकार थे टैगोर,
पश्चिमी देशों से भारतीय संस्कृति का जिसने कराया परिचय वो थे टैगोर,

हिंदी और अंग्रेजी में अनेको पुस्तकों के रचयिता एक उच्च कोटि के साहित्यकार टैगोर,
नहीं थे‌ परम्परा वाली, थे तर्कसंगत वो, गांधी जी को नवाज़ा जिसने महात्मा की उपाधि से वो थे टैगोर।

पिंजरे की चिड़िया थी, सोने के पिंजरे में, वन की चिड़िया थी वन में,
एक दिन हुआ दोनों का सामना, क्या था विधाता के मन में।

इसी तरह से भावनात्मक कविताएं रचते वो थे टैगोर,
कविताओं की राह से सबके मन को छू जाते वो थे टैगोर।


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

Devbhoomi
From »

प्रेम बजाज

लेखिका एवं कवयित्री

Address »
जगाधरी, यमुनानगर (हरियाणा)

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Devbhoomi Samachar
Verified by MonsterInsights