गूगल मीट पर कवियों ने जमकर वाह-वाह लूटी

(देवभूमि समाचार)

जोधपुर। बालप्रहरी द्धारा गूगल मीट पर आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में कवि – कवयित्रीयों ने बसंत पर आधारित बाल कविताएं प्रस्तुत कर वाह – वाह लूटी । बालप्रहरी द्धारा गूगल मीट पर आयोजित यह ऑनलाइन 329 वां कार्यक्रम था जिसमें राजस्थान , गुजरात , मध्यप्रदेश , उतराखण्ड , उतर प्रदेश , पंजाब , दिल्ली , उतरकाशी , पिथौरागढ़ से बीस कवि – कवयित्रीयों ने बसंत पर आधारित बाल कविताएं प्रस्तुत कर वाह – वाह लूटी ।

कवि सम्मेलन में श्रीमती कविता पंत , श्रीमती इंद्रा तिवारी इंदु , श्रीमती शशिबाला श्रीवास्तव , श्रीमती गीता जोशी , श्रीमती सविता वैश्य , श्रीमती कविता जोशी , श्रीमती लता भट्ट , श्रीमती मेघा जोशी , श्रीमती कविता पंत , डाॅ भावना जोशी पाठक , कु विनीता जोशी , जोधपुर के साहित्यकार सुनील कुमार माथुर , सुमित श्रीवास्तव , ललित तिवारी , दीपक नौटियाल , आशोक कुमार नेगी व श्रीमती शशि ओझा ने बसंत पर आधारित बाल कविता प्रस्तुत की ।

सभी कविताएं प्रकृति के सौन्दर्य से ओतप्रोत रही और कवियों ने बहुत ही सुन्दर ढंग से अभिव्यक्ति दी कविताओं के माध्यम से कवियों ने बच्चों में नई ऊर्जा का संचार करने का प्रयास किया

कविताओं में मां देखों कोई ध्दार पर आये हैं…, आओं आओं बसंत तुम्हारा स्वागत है…, लो आ गया बसंत सब ऋतुओं से न्यारा बसंत…, आ गया वासंती मेला…, हंसता मुस्कुराता आ गया बसंत…, बसंत ऋतु का हुआ आगमन , बसंत ऋतु के आते ही फूलों ने ली अंगडाई , ऋतुराज बसंत आया हैं अपने संग कितने रंग लाया, ऋतुराज तुम्हारा स्वागत है , बसंत ऋतु की खुशियां जैसी सुन्दर , मनमोहक, सरल , सहज लयबद्ध कविताएं प्रस्तुत कर वाह – वाह लूटी ।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि संतोष कुमार सिंह ने अपने उद् बोधन में कहा कि ऐसी ऑनलाइन कार्यशालाएं आयोजित की जानी चाहिए ताकि बच्चों में सृजन क्षमता बढें । साहित्यकार अपने बाल साहित्य के माध्यम से बच्चों में अच्छे आचरण हेतु उन्हें प्रेरित करें । उन्होंने कहा कि बाल साहित्य सरल भाषा में लिखा जाना चाहिए व बच्चों को उनके जन्म दिन पर पर बाल साहित्य उपहार में दिया जाना चाहिए ताकि आपकी बाल कविताएं बच्चों तक पहुंचे अतः बाल साहित्यकार बच्चों तक श्रेष्ठ साहित्य लिख कर पहुंचाये ।

कवि सम्मेलन के मुख्य अतिथि संतोष कुमार सिंह थे व अध्यक्षता कुसुम अग्रवाल ने की व कार्यक्रम का संचालन श्रीमती गंगा आर्या ने किया । प्रारम्भ में बाल साहित्य संस्थान अल्मोड़ा उतराखण्ड के सचिव उदय किरौला ने सभी कवि – कवयित्रीयों का परिचय कराया ।

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