कविता : समाज की छोटी इकाई “परिवार”
समाज की छोटी इकाई परिवार कहलाता है रक्त संबंधों से इसका बड़ा ही गहरा नाता है। मिल जुलकर हर कोई अपना फर्ज निभाता है सुख – दुःख में एक-दूजे के काम आता है समाज की छोटी इकाई परिवार कहलाता है। सही-गलत की पहचान सबको ये कराता है भले – बुरे में भेद भी, परिजन को … Continue reading कविता : समाज की छोटी इकाई “परिवार”
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