कविता : कोई बात नहीं

कविता : कोई बात नहीं, उनके रोशन हुए चिराग कोई बात नहीं, दीपक है अंधेरे में कोई बात नहीं, वो कौन सी हवा का झोंका था इस तरफ, पत्ते अलग या शाख कोई बात नहीं। अजय एहसास, अम्बेडकर नगर (उ०प्र०) गर टूट जाए दिल तो कोई बात नहीं पैमाना छूट जाए कोई बात नहीं हाथों … Continue reading कविता : कोई बात नहीं