खुशियों के खातिर हमारी खुशियां अपनी देते त्याग मेरे पापा मेरा अभिमान। पूरी करते मेरी हर मांग रक्षा करते बनकर ढाल मेरे पापा मेरा अभिमान। सपनों के खातिर हमारे अपने सपने देते त्याग मेरे पापा मेरा अभिमान। गलतियों पर देते हमें डांट करते फिर वो स्नेह- दुलार मेरे पापा मेरा अभिमान। खुद सहते वो कष्ट … Continue reading कविता : मेरे पापा मेरा अभिमान
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