खुशियों के खातिर हमारी खुशियां अपनी देता त्याग मेरा भाई मेरा अभिमान। रक्षा करता बनकर ढाल मुझ पर करता जां निसार मेरा भाई मेरा अभिमान। खुद से ज्यादा रखता मेरा ध्यान मेरे सुख – दु:ख में आता काम मेरा भाई मेरा अभिमान। मेरे घर-आंगन की है शान सबसे अलग उसकी पहचान मेरा भाई मेरा अभिमान। … Continue reading कविता : मेरा भाई मेरा अभिमान
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