कविता : सबके पास उजाले हो

मानवता का संदेश फैलाते, मस्जिद और शिवाले हो। नीर प्रेम का भरा हो सब में, ऐसे सब के प्याले हो।। होली जैसे रंग हो बिखरे, दीपों की बारात सजी हो, अंधियारे का नाम न हो, सबके पास उजाले हो।। https://devbhoomisamachaar.com/wp-content/uploads/2024/11/90-Sec.-Vocal-for-Local-2024-Final-Film-WA.mp4 हो श्रद्धा और विश्वास सभी में, नैतिक मूल्य पाले हो। संस्कृति का करे सब पूजन, … Continue reading कविता : सबके पास उजाले हो