कविता : स्वाधीन कलम

स्वाधीन कलम जब चलती है सच को सच झूठ को झूठ लिखती है। https://devbhoomisamachaar.com/wp-content/uploads/2024/11/90-Sec.-Vocal-for-Local-2024-Final-Film-WA.mp4 अंतर्मन में होता जो प्रकट उसे करती है स्वाधीन कलम जब चलती है। मन में बिखरे भावों को शब्दों का रूप देती है कह न पातें जो जुबां से बात वो भी कह देती है स्वाधीन कलम जब चलती है। कभी … Continue reading कविता : स्वाधीन कलम