कविता : दीवाली

आयी मंगल दीप दीवाली छाई घर-घर रौनक निराली साथी ! दिया जलाओ स्नेह भरा ताकि स्वर्ग बन जाये अपनी धरा मिलजुल कर मिटा दो अंधेरा साथी ! खुशियों का ला दो सवेरा अन्न -धन से भर जाए हर आंगन सब जन मिल करो ऐसा जतन खिचड़ी मन से ईर्ष्या- जलन मिटा दो अंतर्मन में ज्ञान … Continue reading कविता : दीवाली