कविता : चिड़िया रानी, क्यों हमसे तुम डरती हो डाली ऊपर रहती हो हम चाहें तुमको छू लेना अच्छी इतनी लगती हो। चूं-चूं करते बच्चे तेरे तुझको रहते हैं घेरे उनकी खातिर दूर-दूर तक कितने लेती हो फेरे। आज़मगढ़ से कविता नन्दिनी की कलम से… चिड़िया रानी आना तुम मीठा गीत सुनाना तुम पंख तुम्हारे सुंदर … Continue reading कविता : चिड़िया रानी
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed