कविता : एक सितारा आसमान से टूटा

राजेश ध्यानी

एक सितारा
आंसमा से टूटा
विश मांग रहें है लोग
कोई ना जाने
कोई ना समझें
उस पर लगा था
कैसा रोग।

विचरण में था
आंसमा में
संग चांदनी खेल रहा ,
कभी बादल के
आंचल मे छुप जाता
कभी चांद संग हो जाता।

तभी हवा का झौका आया
बादल संग लड़े खुद से
निकली आग
सह ना पाया
आसमा से छूट गया।

उड़ने लगा सहारें को
ना ठिकाना मिला
ना मिला हम सफर
यादें सज़ोकर अपनी
उसकी ज़मी में
समां गया।

👉 देवभूमि समाचार के साथ सोशल मीडिया से जुड़े…

WhatsApp Group ::::
https://chat.whatsapp.com/La4ouNI66Gr0xicK6lsWWO

FacebookPage ::::
https://www.facebook.com/devbhoomisamacharofficialpage/

Linkedin ::::
https://www.linkedin.com/in/devbhoomisamachar/

Twitter ::::
https://twitter.com/devsamachar

YouTube ::::
https://www.youtube.com/channel/UCBtXbMgqdFOSQHizncrB87A

देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

Devbhoomi
From »

राजेश ध्यानी “सागर”

वरिष्ठ पत्रकार, कवि एवं लेखक

Address »
144, लूनिया मोहल्ला, देहरादून (उत्तराखण्ड) | सचलभाष एवं व्हाट्सअप : 9837734449

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Devbhoomi Samachar
Verified by MonsterInsights