लोक आस्था कि महापर्व छठ का हुआ समापन

अर्जुन केशरी

बाराचट्टी (गया) संवाददाता

बाराचट्टी, गया। लोक आस्था की महापर्व छठ पूजा की शुरुआत सोमवार को नहाए खाए के साथ हुई थी, मंगलवार को खरना हुआ, बुधवार यानी तीसरे दिन छठ व्रतियों ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया था और चौथे दिन यानी बृहस्पतिवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रती पारन कर लोक आस्था के महापर्व समापन हुई।

छठ पूजा का महत्व

आपको बता दें कि लोक आस्था का महापर्व छठ बिहार का सबसे प्रसिद्ध पवित्र माने जाने वाले पर्व है जिसमें सूर्य देव और उनकी बहन छठ मैया की उपासना का बहुत महत्व है ऐसे तो छठ का व्रत काफी कठिन माना जाता है इसमें 36 घंटे निर्जला व्रत रखने के बाद उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ व्रतियों पारण करके इस पर्व को समापन करती हैं। यह पर्व परिवार के सुख समृद्धि और संतान की लंबी आयु के लिए रखा जाता है।

गौरतलब है कि या छठ पूजा बिहार के विभिन्न जिलों के विभिन्न क्षेत्रों में धूमधाम से मनाया गया जिसमें व्रती और श्रद्धालुओं ने सूर्यदेव को अर्घ्य दिया इस दौरान प्रशासन और स्थानीय पूजा समिति द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक बंदोबस्त किया गया।रोशनी से पूरा घाट तथा सड़क सजाई गई थी।

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