भगवान जी को हंसाकर बस लौटते ही होंगे हमारे राजू भैया

आशीष तिवारी निर्मल

थोड़ी देर पहले जैसे ही मोबाइल डाटा ऑन किया। एक दुखद खबर सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई। समाचार सुनकर अत्यंत कष्ट हुआ कि भारत देश ही नहीं अपितु पूरे विश्व में अपनी मेहनत के बलबूते, अपनी कला के बलबूते, लोगों के लबों पर मुस्कान बिखेरने वाले हिंदुस्तान के एक चमकते सितारे कई दशकों से निरंतर अब तक दर्शकों, श्रोताओं अपने चाहने वालों के दिलों में राज करने वाले, हम सबके प्रिय सुप्रसिद्ध हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव भैया जिंदगी और मौत से चालीस दिनों तक सतत् संघर्ष करते हुए आखिरकार इस संसार को अलविदा कह दिये।

यकीन मानिए ! राजू श्रीवास्तव भैया जैसे जिंदादिल इंसान और शख्सियत हेतु श्रद्धांजलि जैसे शब्द लिखना भी अत्यंत दुख दे रहा। इन उंगलियों मे कंपन हो रही है । हृदय भाव विहल हो उठा है मन मानने को तैयार नही कि राजू श्रीवास्तव जी अब हम सबके के बीच नही हैं।अत्यंत कष्ट होता है सबको हंसाने वाले हिंदुस्तान के इतने लाड़ले चमकते सितारे अब हम सबके बीच नहीं हैं। ऐसा लगता है जैसे राजू श्रीवास्तव कहीं नहीं गए हैं। हम सबके बीच ही हैं।

राजू श्रीवास्तव भैया लोगों को हंसाने एक शहर से दूसरे शहर और विदेश यात्राएं निरंतर करते रहते थे। आज भी सहसा यकीन नहीं होता यही मन कहता है कि शायद वह भगवान को हंसाने गए हुए हैं और वह पुनः लौट कर इसी हिंदुस्तान की धरती पर आएंगे। हम सबके बीच फिर कहकहे, ठहाके लगवाएंगे। राजू श्रीवास्तव भैया का जाना एक अपूरणीय क्षति है समूचे हिंदुस्तान के लिए ।जमीन से बेहद जुड़े हुए कलाकार थे वे अपने कनपुरिया अंदाज के लिए जाने जाते थे। छोटी बड़ी फिल्मों में काम करने के साथ ही जब बात आती है उनके

गजोधर भैया ,संकठा,बिरजू के किरदार की देशवासियों के मानसपटल से भुलाया नही जा सकता। ईश्वर राजू श्रीवास्तव को श्री चरणों में स्थान दे।

किसी बड़े शायर ने कहा था –

जो किसी को हंसाता है, वह स्वर्ग नहीं जाता है
अपितु है जहां जाता है, वही स्वर्ग हो जाता है।


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

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आशीष तिवारी निर्मल

कवि, लेखक एवं पत्रकार

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मकान नंबर 702 लालगाँव, जिला रीवा (मध्य प्रदेश) | Mob : 8602929616

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देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

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