मेरे विचार : मैं कौन हूं, लक्ष्यविहीन जीवन…!

मेरे विचार : मैं कौन हूं, लक्ष्यविहीन जीवन…! जीवन जिया, अच्छा-बुरा कर्म किया, सीधा-साधा आचरण था या नवाबों की तरह शौक थे, कुल मिलाकर अपने शरीर की ‘नैवर चार्जेबल’ बैटरी को खत्म कर दिया। वृद्धावस्था आई, मरने के नजदीक हो, मौत दरवाजे पर खड़ी है और… राज शेखर भट्ट की कलम से… कौन हूं मैं, … Continue reading मेरे विचार : मैं कौन हूं, लक्ष्यविहीन जीवन…!