महाराज के जन्मदिन पर पहुँची कई राजनीतिक हस्तियां

आध्यात्मिक महापुरुषों के राजनीति में आने से कल्याणकारी मार्ग प्रशस्त होता है: महाराज

हरिद्वार। उत्तराखण्ड के कैबिनेट मंत्री और आध्यात्मिक गुरू सतपाल महाराज के 71वें जन्मोत्सव पर उन्हें बधाई देने वालों का आज अंतिम दिन भी जबरदस्त तांता लगा रहा। भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम के साथ-साथ प्रदेश संगठन महामंत्री अजेय कुमार ने भी प्रेमनगर आश्रम पहुंच कर श्री महाराज को जन्मदिन की शुभकामनायें दी।

आध्यात्मिक गुरू और उत्तराखण्ड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के 71वें जन्मोत्सव पर एक ओर जहां उनके अनुयाईयों ने समारोह के अंतिम दिन गुरूवार को भी हर्षोल्लास के साथ उनका जन्मदिन का मनाया तो वहीं इस मौके पर आज भी अनेक राजनीतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े लोगों ने प्रेमनगर आश्रम पहुंच कर उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए उनकी दीर्घायु की कामना की।

आध्यात्मिक गुरू और उत्तराखण्ड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के 71वें जन्मोत्सव के अवसर पर देश के कोने कोने से आये उनके लाखों अनुयायियों ने उनका जन्मदिन हर्षोल्लास के साथ मनाया जबकि वहीं दूसरी ओर भाजपा प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, उत्तराखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, महेंद्र भट्ट, संगठन महामंत्री अजेय कुमार, उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी, कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल, विधायक दुर्गेश लाल, खजानदास, सुरेश चौहान, नगर उटारी राजा साहब (पूर्व मंत्री), सूचना विभाग, भारत सरकार के कमिश्नर उदय महुक सहित अनेक लोगों ने श्री प्रेम नगर आश्रम पहुंच कर उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी।

इस मौके पर आयोजित सद्भावना सम्मेलन में आये प्रेमियों को संबोधित करते हुए सुविख्यात समाजसेवी व उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि एकता व अध्यात्म की शक्ति से ही भारत विश्व गुरु बनेगा। उन्होंने कहा कि जब-जब आध्यात्मिक महापुरुष राजनीति में आते हैं तब तब कल्याणकारी मार्ग प्रशस्त होता है।

प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और आध्यात्मिक गुरू सतपाल महाराज ने जीवन में अध्यात्म की महत्ता को बताते हुए कहा कि वैज्ञानिक भी इस बात को मानते हैं कि भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को महाभारत के दौरान जो गीता के उपदेश सुनाये उसका स्पंदन आज भी वायुमंडल में विद्यमान है। हम सभी उसे सुन सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे ऋषियों ने सारे संसार की मंगल कामना की, उन्होंने अपनी कौम या बिरादरी मात्र के लिए नहीं बल्कि समस्त विश्व के कल्याण की कामना की है।

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