गृह-क्लेष आपसी तालमेल की कमी

ओम प्रकाश उनियाल

परिवार में आपसी तालमेल का सामंजस्य हो तो वह परिवार कभी टूटता नहीं। अक्सर देखा जाता है कि कई परिवारों में छोटी-छोटी बातों को लेकर रोज-रोज क्लेष मचा रहता है। जिसके कारण परिवार का बिखराव होता है। पति-पत्नी, सास-बहू, बाप-बेटे, भावी-ननद, जिठानी-देवरानी जैसे रिश्तों के बीच अक्सर तू-तू, मैं-मैं व मनुटाव का वातावरण अधिकतर परिवारों में चलता ही रहता है।

विशेषतौर पर पति-पत्नी के बीच आएदिन तकरार होना पूरे परिवार पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। इसका असर बच्चों पर तो पड़ता ही है खुद के स्वास्थ्य पर भी। आजकल तो हर कोई तनाव की जिंदगी जी रहा है। सहनशीलता तो लगभग सभी के अंदर खत्म-सी हो चुकी है। एक-दूसरे की बात सुनने-समझने को कोई राजी नहीं होता। हरदम तुनकमिजाजी। गृह-क्लेष के चलते कई बार कुछ तो आत्महत्या करने का प्रयास जैसा कदम उठा लेते हैं।

आपसी मारपीट पर उतारू होना, गाली-गलौज करना, जोर-जोर से चिल्लाना, बात पर बात बढ़ाना, हर बात का बतडंग बनाना जैसी हरकतें अधिक दिखायी देती हैं। कई मूर्ख और नासमझ पति-पत्नी तो अपने झगड़े की खुन्नस बच्चों पर निकालते हैं। बच्चों को बेवजह पीटना,धमकाना शुरु कर देते हैं। इन कारणों से समाज में परिवार की छवि धूमिल होती है। यदि किसी घर में रोज-रोज आपसी वाद-विवाद होता रहे तो ऐसे परिवार से हर कोई दूरी बनाने लगता है।

समाज में मान-सम्मान गिरता है। गृह-क्लेष का एक कारण नहीं अनेक कारण होते हैं। आर्थिक तंगी, आपसी पसंदगी-नापसंदगी, बेरोजगारी, बेवजह बहसबाजी, नुकताचीनी। कुछ की तो आदत ही बन जाती है कि परिवार को किस तरह तोड़ा जाए। वह इसी उधेड़बुन में रहते हैं। पारिवारिक क्लेष के कारण न्यायालय और पुलिस की शरण में जाने तक की नौबत बन जाती है।

कुछ तो ज्योतिषियों, तांत्रिको के चक्कर में पड़ जाते हैं घर में शांति बनाए रखने के उपायों के लिए। क्रोध हरेक को आता है, जो उस पर काबू पा लेता है या झगड़े के समय थोड़ा संयम बरत लेता है तो क्लेष की स्थिति नहीं बनती। कोशिश करें शांत रहने की। परिवार में आपसी सुलह से हर काम किया जाए न कि चिल्ला-पौं करके।

परिवार का झगड़ा बाहर जाता है तो जगहंसाई होती ही है। जो आपके पास है उसमें संतुष्ट रहें। महत्वकांक्षाएं न पालें, लोकदिखावा बिल्कुल न करें। आपसी तालमेल हर हाल में बिठाने का प्रयास करें।


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

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ओम प्रकाश उनियाल

लेखक एवं स्वतंत्र पत्रकार

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कारगी ग्रांट, देहरादून (उत्तराखण्ड) | Mob : +91-9760204664

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

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