किताबों का महत्व

सुनील कुमार माथुर

हमारे जीवन में किताबों का बडा ही महत्व है । अच्छी किताबें न केवल हमें ज्ञानवान ही बनाती है अपितु हमें संस्कारवान भी बनाती हैं । आज नेट इंटरनेट के युग में किताबों के पाठक कम हो गये है । आज का विधार्थी किताबें पढने के बजाय नेट पर अपना पाठ्यक्रम ढूंढ रहा है नतीजन वह किताबों से दूर हो गया है । मगर किताबी ज्ञान ही असली ज्ञान है । चूंकि किताबों के बिना जीवन सूना-सूना है । आज कि नवीनतम तकनीक ने किताबों से पाठकों को दूर करने का अथक प्रयास किया है लेकिन फिर भी किताबों का अपना अलग ही महत्व है । वैसे भी देखा जाये तो किताबी ज्ञान के बिना मानव जीवन अधूरा है एवं अच्छा वक्ता बनने के लिए अच्छा पाठक बनना जरूरी है ।

आज भले ही पुस्तकों का अध्ययन कम हो गया हो लेकिन इस बात को भी नहीं भूलना चाहिए कि पुस्तकें ज्ञान की भूख को मिटाती है । पुस्तकों की गहराई में जाने पर आनंद की प्राप्ति होती है । पुस्तकें ही जिन्दगी है और जिन्दगी ही पुस्तकें है । पुस्तकें सही मायने में हमें जीना सीखाती है । अच्छी किताबें श्रेष्ठ धरोहर है । अतः इन्हें पढकर हमें जीवन को सफल बनाना है । पुस्तक पढने से ही हमें अध्ययन की गहराई और विस्तार हमें पुस्तकों से ही प्राप्त होता है । यही वजह है कि पुस्तकों का स्थान कोई भी नहीं ले सकता हैं । पुस्तकें अच्छे विचारों का संकलन है । फिर भी आज पुस्तकों पर बडा संकट है।

गुगल के दौर में लगता है कि पुस्तकें अप्रासंगिक हो गई हैं परन्तु सत्य कुछ और है । पुस्तकें बातचीत एवं संवाद का माध्यम है । वे हमारी सच्ची मित्र है । किताबें संसार को बदलने का साधन रही हैं । किताबों मे बहुत बडा सार है । किताबें पढते पढते जो ज्ञान प्राप्त होता है वह स्थाई ज्ञान होता है । यही वजह है कि जीवन में किताबों का बडा ही महत्व है।

16 Comments

  1. बहुत ही सही और सटीक बात कही आपने,,पुस्तकें ज्ञान का भंडार होती है इन्हीं के द्वारा हम अपने ज्ञान में वर्द्धि करते है,,बहुत ही शानदार ओर उच्च कोटि का आलेख।

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