हिंदी भाषा

डॉ धाराबल्लभ पांडेय ‘आलोक’

हिंदी ही हम सब की भाषा,
हिंदी ही अपनी शान है।
हिंदी है भारत की बिंदी,
भारत माता की आन है।।

हिंदी ही देश का गौरव है,
यह तो सबका अभिमान है।
आज सभी हम हैं मिलकर,
करते हिंदी का मान हैं।।

हिंद देश की हिंदी भाषा,
यह मधुरिम और महान है।
इसमें भारत की शौर्य कथा,
संस्कृत संस्कृति का मान है।।

जन-जन की मीठी भाषा यह,
निज कवियों की ही आन है।
भारतेंदु, तुलसी, दिनकर कवि,
भूषण कवि, पंत महान है।।

मीरा, सूर, कबीर, जायसी,
निराला, बिहारी, रसखान।
शब्दों का सागर यह भाषा,
है बहुमूल्य रत्न की खान।।

सरल सुबोध मधुर रस पावन,
यह हम सब की पहचान है।
यही हमारी जननी भाषा,
आन, बान और शान है ।।

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